चंदौली जिले के नियामताबाद ब्लॉक में गड़ई नदी के किनारे बसे एक दर्जन गांवों के किसान बाढ़ से बर्बाद हुई फसलों के मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं। जिला प्रशासन द्वारा सर्वे के बावजूद अब तक भुगतान न होने से रबी की फसल की बुआई पर संकट मंडरा रहा है। नियामताबाद ब्लॉक के नरैना, कठौड़ी, रोहणा और चोरमरवा सहित कई गांवों में धान की फसल गड़ई नदी की बाढ़ से पूरी तरह नष्ट हो गई थी। बाढ़ के दौरान जिला प्रशासन सक्रिय हुआ था और अधिकारियों ने प्रभावित गांवों का दौरा कर किसानों से संपर्क किया था। नुकसान का सर्वे भी कराया गया और सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर ली गईं। हालांकि, सर्वे प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद किसानों को अब तक मुआवजा नहीं मिल पाया है। इन प्रभावित 12 गांवों के किसान, जिनमें हरि, रामजनम, मुराहू, गुलाब, राजेंद्र और बंशीधर शामिल हैं, का कहना है कि फसल नष्ट होने के बाद उनकी आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर हो गई है। उनके पास बीज, खाद और जुताई के लिए पूंजी का अभाव है। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि समय पर मुआवजा नहीं मिला, तो अगली फसल की बुआई करना मुश्किल हो जाएगा। प्रभावित किसानों ने जिलाधिकारी से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने आग्रह किया है कि मुआवजे की राशि जल्द से जल्द उनके खातों में भेजी जाए, ताकि वे अगली फसल की बुआई कर सकें और अपनी आजीविका फिर से शुरू कर सकें।
https://ift.tt/SqXaTgO
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply