मोतिहारी अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह दुष्कर्म एवं पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश मिथलेश कुमार ने एक किशोरी के अपहरण और कई दिनों तक यौन शोषण कराने के मामले में एक महिला को दोषी ठहराया है। दोषी कमरुल नेशा को दस वर्षों के सश्रम कारावास और बाईस हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। न्यायालय ने आदेश दिया कि यदि अर्थदंड का भुगतान नहीं किया जाता है, तो दोषी को अतिरिक्त सजा काटनी होगी। अर्थदंड की वसूली होने पर यह राशि पीड़िता को दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, न्यायाधीश ने पीड़िता को ‘पीड़ित’ घोषित करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकार को छह लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश भी दिया है। यह सजा सुगौली थाना के सरगम सिनेमा हॉल रोड नंबर 3 निवासी आश महम्मद मियां की पत्नी कमरुल नेशा को सुनाई गई है। वहीं, मामले में साक्ष्य के अभाव के कारण एक अन्य अभियुक्त को न्यायालय ने बरी कर दिया। मामले की शुरुआत शहर के छतौनी मठिया निवासी पीड़िता द्वारा 6 मई 2022 को सुगौली थाना में दर्ज कराई गई प्राथमिकी (कांड संख्या 212/2022) से हुई थी। पीड़िता ने अपनी शिकायत में कमरुल नेशा सहित तीन लोगों को नामजद किया था। पीड़िता ने बताया था कि लगभग एक माह पहले वह मठिया छतौनी से चम्पापुर स्थित अपनी ननद के घर जाने के लिए मोतिहारी रेलवे स्टेशन से निकली थी। रात करीब 7:30 बजे वह सुगौली स्टेशन पहुंची, जहां उसे एक महिला मिली। महिला ने खुद को रास्ता भटका हुआ बताया और बहला-फुसलाकर पीड़िता को अपने घर, जो सुगौली सिनेमा हॉल के पास था, ले गई। घर पहुंचने पर महिला ने पीड़िता को अंदर बंद कर दिया और बाहर से ताला लगा देती थी। उसे धमकी दी गई कि यदि वह शोर मचाएगी तो उसे जान से मार दिया जाएगा। पीड़िता के अनुसार, प्रतिदिन महिला का पुत्र और बाहर के अन्य लोग उसके साथ यौन शोषण करने लगे। इस कृत्य के लिए महिला लोगों से मोटी रकम लेती थी। पीड़िता ने यौन संबंध बनाने आए एक युवक से मोबाइल लेकर अपनी ननद को फोन किया और अपनी आपबीती सुनाई। इसके बाद उसकी ननद पुलिस के साथ मौके पर पहुंची और पीड़िता को मुक्त कराया। पुलिस ने घटना स्थल से नामजद सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया था, हालांकि आरोप पत्र केवल दो अभियुक्तों के विरुद्ध ही समर्पित किया गया था। यह मामला पॉक्सो वाद संख्या 45/2022 के तहत विचाराधीन था।
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