गोरखपुर के राजकीय बौद्ध संग्रहालय में प्राचीन भारतीय अभिलेख और मुद्राओं पर आधारित सात दिवसीय अभिलेख कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यशाला के तहत राष्ट्रीय व्याख्यान श्रृंखला होगी, जिसमें विषय विशेषज्ञ सरल और सहज भाषा में जानकारी देंगे। यह आयोजन राजकीय बौद्ध संग्रहालय में संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश तथा दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास, पुरातत्व एवं संस्कृति विभाग के सहयोग से किया जा रहा है। आयोजन का उद्देश्य विद्यार्थियों और शोधार्थियों को भारतीय इतिहास की मूल समझ से जोड़ना है। 3 से 9 फरवरी तक प्रतिदिन होंगे व्याख्यान
राष्ट्रीय व्याख्यान श्रृंखला 3 फरवरी से 9 फरवरी तक आयोजित की जाएगी। प्रतिदिन अपराह्न 2:30 बजे से 4:00 बजे तक व्याख्यान होंगे। कार्यशाला का शुभारंभ 3 फरवरी को किया जाएगा। कार्यशाला में विशेषज्ञ अभिलेखों को पढ़ने, समझने और उनके ऐतिहासिक महत्व पर विस्तार से जानकारी देंगे। साथ ही प्राचीन मुद्राओं के माध्यम से उस दौर की सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक स्थिति को समझाया जाएगा। 150 प्रतिभागियों को मिलेगा भाग लेने का अवसर
कार्यशाला में अधिकतम 150 प्रतिभागियों का पंजीकरण किया जाएगा। पंजीकरण प्रथम आगत–प्रथम स्वागत के आधार पर होगा। इसमें स्नातक, परास्नातक, शोधार्थी, शिक्षक और इतिहास व पुरातत्व में रुचि रखने वाले लोग शामिल हो सकेंगे। न्यूनतम आयु 18 साल तय की गई है। पंजीकरण फॉर्म 24 दिसंबर से 27 जनवरी तक राजकीय बौद्ध संग्रहालय से किसी भी कार्यदिवस में प्राप्त किए जा सकते हैं। भरे हुए फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि 27 जनवरी को शाम 5 बजे तक निर्धारित की गई है। जानकारी बढ़ाने का है उपयोगी मंच
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. राजबन्त राव करेंगे। आयोजन के समन्वयक प्रो. पूजा चतुर्वेदी और डॉ. यशवंत सिंह राठौर होंगे। आयोजकों के अनुसार यह कार्यशाला छात्रों और शोधार्थियों के लिए सीखने और जानकारी बढ़ाने का उपयोगी मंच साबित होगी।
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