सीतापुर में प्रशासन ने अवैध कब्जों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए बड़ी कार्रवाई की है। सदर तहसील क्षेत्र के विकास नगर कॉलोनी में लखनऊ–शाहजहांपुर मार्ग पर स्थित खलिहान की सरकारी भूमि से करीब 50 वर्षों से चला आ रहा कब्जा हटाया गया। यह कार्रवाई तहसीलदार अतुल सेन सिंह की अगुवाई में नगर पालिका की टीम द्वारा की गई, जिसमें बुलडोजर की मदद से अवैध रूप से बनाई गई बाउंड्रीवाल को तोड़ दिया गया। प्रशासनिक रिकॉर्ड के अनुसार, लगभग 2 बीघा 3 बिस्वा सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा किया गया था। इस भूमि की बाजार कीमत करीब 27 करोड़ रुपए आंकी जा रही है। लंबे समय से कब्जे में रहने के कारण यह जमीन निजी संपत्ति के रूप में उपयोग की जा रही थी, जिस पर बाउंड्री बनाकर घेराबंदी कर ली गई थी। कार्रवाई के दौरान मौके पर भारी पुलिस बल भी तैनात रहा, ताकि किसी प्रकार की कानून-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न न हो। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि यह भूमि राजस्व रिकॉर्ड में खलिहान के रूप में दर्ज है और इसे निजी संपत्ति में बदलने का कोई वैध आदेश या अनुमति मौजूद नहीं है। वहीं, कब्जेदार पवन कुमार बंसल ने प्रशासनिक कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए दावा किया कि उन्होंने वर्ष 1984 में इस खलिहान की जमीन को एसडीएम के आदेश के बाद आबादी में दर्ज कराया था। उनका कहना है कि इसके बाद उन्होंने मुरारका ब्रदर्स से 9 नवंबर 1998 को इस भूमि की रजिस्ट्री कराई थी और तभी से वे इसका उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने इसे पूरी तरह वैध बताते हुए प्रशासनिक निर्णय को गलत ठहराया। हालांकि, प्रशासन का कहना है कि प्रस्तुत दस्तावेजों की जांच के बाद यह स्पष्ट हुआ कि जमीन सरकारी है और इस पर किया गया निर्माण अवैध है। अधिकारियों ने बताया कि आगे भी सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा और किसी भी दबाव में आकर कार्रवाई रोकी नहीं जाएगी। इस कार्रवाई के बाद क्षेत्र में प्रशासन की सख्ती को लेकर चर्चा तेज है।
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