कुशीनगर के चिरगोड़ा गांव के ग्रामीणों ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर एक ज्ञापन सौंपा है। ग्रामीणों ने गाटा संख्या 1978 की आबादी की जमीन और सदियों पुराने रास्ते पर हो रहे अवैध पक्के निर्माण को रोकने की मांग की है। उन्होंने रास्ते को बहाल करने का भी अनुरोध किया। जिलाधिकारी ने ग्रामीणों को मामले में गंभीरता से कार्रवाई का आश्वासन दिया है। चिरगोड़ा टोला आधार पट्टी, थाना जटहां बाजार निवासी चंदन शर्मा ने बताया कि गांव के मनोज, आनंद और राजन (पुत्रगण दीनानाथ) द्वारा रास्ते में पक्की दीवार बनाकर उनके और पड़ोसियों के आवागमन को बाधित किया जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि गाटा संख्या 1978 एक आबादी की भूमि है, जिस पर सदियों पुराना रास्ता मौजूद था। शर्मा ने यह भी बताया कि पूर्व में कई बार अधिकारियों से संपर्क करने के बावजूद राजनीतिक दबाव के कारण उनकी सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने 17 नवंबर 2025 को मुख्यमंत्री पोर्टल पर एक ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई थी, जिसका समाधान भी एकतरफा बताया गया। जब प्रार्थी ने निर्माण रोकने का प्रयास किया, तो उन्हें जान से मारने की धमकी मिली, जिसकी शिकायत जनसुनवाई पोर्टल पर की गई थी। जांच हल्का लेखपाल के पास पहुंची, जहां ग्रामीणों का आरोप है कि विपक्षी स्वामीनाथ ने पूरे प्रकरण को बदल दिया। ग्रामीणों का कहना है कि लेखपाल ने रास्ते में हुए अतिक्रमण को हटाने के बजाय मामले को उलझा दिया। लेखपाल ने अपनी रिपोर्ट में इस भूमि को घर की बताया है, जबकि ग्रामीण इसे आबादी की भूमि और सदियों पुराना रास्ता बताते हैं। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से अनुरोध किया है कि 9 दिसंबर 2025 की लेखपाल की रिपोर्ट की जांच किसी अन्य उच्च अधिकारी से मौके पर कराई जाए और उचित कानूनी कार्रवाई की जाए।
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