किशनगंज के ठाकुरगंज प्रखंड में बंगाल से सटे बेसरबाटी पंचायत के गांवों में पिछले एक सप्ताह से तेंदुए के दिखने की खबरों से क्षेत्र में भय का माहौल है। ग्रामीणों के अनुसार, तेंदुआ रात के समय गांवों में घूम रहा है, जिससे लोग घरों से बाहर निकलने से डर रहे हैं। इस स्थिति से छोटे बच्चे और बुजुर्ग विशेष रूप से असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, जिससे खेती-बाड़ी और दैनिक कामकाज प्रभावित हो रहा है। ग्रामीणों ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि तेंदुए की सूचना कई दिनों पहले ही दे दी गई थी, लेकिन विभाग की टीम बिना किसी तैयारी के पहुंची। वनपाल मुकेश कुमार के नेतृत्व में वनरक्षी अमिताभ सहित अन्य कर्मी घटनास्थल पर पहुंचे, लेकिन वे केवल ग्रामीणों को बचाव की सलाह देते रहे। इससे लोगों में काफी आक्रोश है। ग्रामीण चरण हांसदा, शांति मुर्मू और गुडू मंडल ने विभाग से तुरंत तेंदुआ पकड़ने की मांग की है। नागरिकों को सतर्क रहने के निर्देश इस मामले में रेंजर अंशुमान ने बताया कि ग्रामीणों की शिकायत पर वन कर्मी पूरी तरह सतर्क हैं। उन्होंने कहा कि तेंदुआ कभी बंगाल की ओर तो कभी बिहार क्षेत्र में घूम रहा है, लेकिन अभी तक किसी वन कर्मी ने इसे प्रत्यक्ष रूप से नहीं देखा है। विभाग ने क्षेत्र के सभी नागरिकों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। रेंजर ने ग्रामीणों से अपील की है कि रात्रि के समय केवल अत्यावश्यक कार्य होने पर ही घर से बाहर निकलें और छोटे बच्चों तथा बुजुर्गों को अकेले बाहर न जाने दें। जंगली जानवरों की आवाजाही सामान्य ठाकुरगंज क्षेत्र पश्चिम बंगाल की सीमा से सटा होने के कारण जंगली जानवरों की आवाजाही सामान्य है। हालांकि, तेंदुए का लगातार दिखना गंभीर चिंता का विषय बन गया है। ग्रामीणों का मानना है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो कोई बड़ा हादसा हो सकता है। वन विभाग को पिंजरा लगाने और ट्रैंकुलाइजर जैसी तैयारी के साथ टीम भेजने की मांग की जा रही है। फिलहाल इलाके में दहशत बरकरार है और लोग रात में जागकर पहरेदारी कर रहे हैं।
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