हरियाणा के गोहाना में पकड़े गए सीएसआईआर-यूजीसी राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (CSIR-UGC NET) पेपर की सौदेबाजी में कई खुलासे हुए हैं। इस मामले का मास्टरमाइंड धीरज धनखड़ को बताया गया है, जबकि उसके भाई नीरज और सचिन की गिरफ्तारी हुई है। इस मामले में 5 नामजद किए गए हैं, जिनमें धीरज के अलावा पवन और आशीष के नाम हैं। इनके प्रोफाइल की बात करें तो धीरज का रोहतक में कोचिंग सेंटर है, जबकि पवन रोहतक की यूनिवर्सिटी में अस्थाई असिस्टेंट प्रोफेसर रह चुका है। पवन और आशीष की भूमिका पेपर के लिए खरीदार ढूंढने की थी। नीरज को दिल्ली सरकार का कर्मचारी बताया जा रहा है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं है। एक आरोपी के सेना में होने की बात भी कही गई है। खास बात ये सामने आई है कि जिस कबड्डी एकेडमी से यह गिरोह पकड़ा गया है, वह रयात बाहरा इंस्टीट्यूट में चल रही है। यह इंस्टीट्यूट रोबिन खोखर का है, जो पहले पेपर लीक मामले में अरेस्ट हो चुका है। फिलहाल जमानत पर है। वह दिल्ली पुलिस में सिपाही था। आपराधिक गतिविधियों के कारण बर्खास्त कर दिया गया था। ऐसे में पुलिस इस मामले में भी उसकी भूमिका की जांच करेगी। 17 दिसंबर को हुई रोहतक CM फ्लाइंग की छापेमारी में गोहाना एरिया में नरवाल कबड्डी एकेडमी के 2 कमरों में मिले 28 लड़कियां और 9 लड़के मिले थे। ये सभी स्टूडेंट्स हैं और इनमें से 12 के पेरेंट्स टीचर हैं। ये युवा हरियाणा के अलावा राजस्थान, उत्तराखंड, जम्मू, दिल्ली और आंध्रप्रदेश के रहने वाले हैं। उधर, सीएम ऑफिस ने भी इस मामले में सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। एक्स पर लिखा- सीएसआईआर-यूजीसी राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा का कोई भी पेपर लीक नहीं हुआ है। परीक्षा से संबंधित सभी प्रक्रियाएं निर्धारित नियमों के अनुसार शांतिपूर्ण और पारदर्शी ढंग से संपन्न हुई हैं। पहले जानिए सीएम फ्लाइंग कैसे इस मामले तक पहुंची… अब जानिए जांच के बाद क्या-क्या बताया गया… आधे स्टूडेंट को नहीं पता कि कितने रुपयों में हुई डील
सूत्रों के अनुसार छापेमारी के दौरान मौके पर मिले अभ्यर्थियों में से आधों को तो यह भी नहीं पता था कि कितने रुपयों में डील की गई थी। उनके अभिभावकों ने जाने के लिए कहा तो वे चले गए और प्रश्न पत्र मिलने पर तैयारी कर रहे थे। 18 दिसंबर को हुई परीक्षा के बाद पुलिस ने इन सभी अभ्यर्थियों से मिले पेपर मिलान के लिए भेजे हुए है। सवाल: CM फ्लाइंग ने जिसे बड़ी कार्रवाई बताया, पुलिस क्यों नकार रही खुलासे के बाद पुलिस का दावा- पेपर लीक नहीं हुआ
FIR दर्ज होने के 4 दिन बाद तक पुलिस चुप्पी साधे बैठे रही। FIR को सीक्रेट रखा गया। दैनिक भास्कर एप में FIR का खुलासा होते ही 22 दिसंबर को गोहाना में ACP राहुल देव ने प्रेसवार्ता की। इसमें दावा किया कि 18 दिसंबर को हुई सीएसआईआर–यूजीसी नेट परीक्षा का पेपर लीक नहीं हुआ। कुछ युवक अभ्यर्थियों से धोखाधड़ी कर पेपर लीक का झांसा दे रहे थे। सीएम फ्लाइंग की टीम एक संदिग्ध गाड़ी का पीछा करते हुए रयात बाहरा इंजीनियरिंग कॉलेज तक पहुंची थी। इसराना क्षेत्र से कुछ युवक पेपर लीक का आश्वासन देकर अभ्यर्थियों को कॉलेज परिसर में बुलाने की कोशिश कर रहे थे। एसीपी के नेतृत्व में जांच के लिए SIT गठित
एसीपी राहुल देव ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए सोनीपत एसीपी जीत सिंह के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की गई है। एसआईटी पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है। अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर उन्हें पेपर लीक का झांसा दिया गया था, लेकिन असल में यह एक ठगी का मामला है। एफआईआर में 37 स्टूडेंट्स का जिक्र, ACP बोले-15-16 थे
सीएम फ्लाइंग की एफआईआर में कबड्डी एकेडमी में 37 स्टूडेंट्स मिलने की बात कही। सभी के नाम पते नोट कर छोड़ दिया गया। वहीं, 22 दिसंबर को प्रेसवार्ता में कबड्डी एकेडमी में रेड के दौरान 15-16 स्टूडेंट्स मिलने की बात कही गई। एसीपी राहुल देव का कहना है कि पेपर लीक होने का दावा किसी भी एजेंसी ने नहीं किया है। —————————— ये खबर भी पढ़ें :- हरियाणा में CSIR-UGC NET पेपर केस में खुलासा:ACP बोले- लीक नहीं हुआ, स्टूडेंट्स को प्रश्न पत्र देने की कहकर कबड्डी एकेडमी लाए; 2 गिरफ्तार हरियाणा में संयुक्त सीएसआईआर-यूजीसी राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (CSIR-UGC NET) के पेपर लीक दावे और गोहाना में दर्ज कराई गई FIR में खुलासा हुआ है। सोमवार को गोहाना के ACP राहुल देव ने कहा कि पेपर लीक नहीं हुआ, बल्कि ये पूरा मामला बच्चों को फंसाकर उनसे लाखों रुपए ऐंठने (चीटिंग) का था। पढ़ें पूरी खबर…
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