गोंडा में स्कूली बच्चों की अपार आईडी बनाने की धीमी गति पर स्कूल शिक्षा महानिदेशक ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। जिले की खराब रैंकिंग और लक्ष्य से पिछड़ने के कारण महानिदेशक मोनिका रानी ने 25 दिसंबर तक सभी बच्चों की अपार आईडी बनाने का अल्टीमेटम दिया है। जिले में अभी भी 3.57 लाख से अधिक बच्चों की आईडी नहीं बन पाई है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, गोंडा जिले में कुल 7,57,384 छात्र पंजीकृत हैं। इनमें से 3,57,803 बच्चों की अपार आईडी अभी तक नहीं बन पाई है। जिले के कुल 4,784 स्कूलों में यह कार्य स्कूल प्रबंधन और शिक्षकों के जिम्मे है। समीक्षा में सामने आया है कि बड़ी संख्या में विद्यालयों ने इस महत्वपूर्ण कार्य में रुचि नहीं ली है, जिससे योजना अधर में लटकी है। कई स्कूलों ने पंजीकरण शुरू किया, लेकिन तकनीकी प्रक्रिया पूरी नहीं की। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत अपार आईडी छात्रों की एक विशिष्ट डिजिटल पहचान है। यह छात्रों के शैक्षणिक रिकॉर्ड को सुरक्षित रखती है और भविष्य में छात्रवृत्ति, विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ, शैक्षणिक स्थानांतरण और क्रेडिट स्कोर जैसी प्रक्रियाओं को पारदर्शी तथा सुगम बनाती है। इस कार्य में देरी का सीधा असर बच्चों के भविष्य और उन्हें मिलने वाली सुविधाओं पर पड़ सकता है।महानिदेशक के सख्त निर्देशों के बाद, बीएसए अमित सिंह ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों और स्कूल प्रबंधकों को पत्र जारी कर 25 दिसंबर तक शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के निर्देश दिए हैं। बीएसए ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि निर्धारित समय सीमा के भीतर कार्य पूर्ण न करने वाले विद्यालयों और संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि 25 दिसंबर के बाद किसी भी तरह की तकनीकी समस्या या अन्य बहाने स्वीकार नहीं किए जाएंगे। अब कार्य की प्रगति की प्रतिदिन निगरानी की जाएगी ताकि जिले को प्रदेश की रैंकिंग में सम्मानजनक स्थान दिलाया जा सके। इससे पहले भी कई बार विद्यालयों को चेतावनी दी जा चुकी है कि बच्चों के ज्यादा से ज्यादा अपार आईडी बनाई जाए लेकिन फिर भी विद्यालयों द्वारा लापरवाही की जा रही है जिसका नतीजा है कि गोंडा की रैंकिंग भी लगातार खराब आ रही है।
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