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कुशीनगर DM समेत 195 पर अवमानना वाद:राज दरबार की विवादित जमीन बिक्री पर रोक के बावजूद खरीद-फरोख्त जारी

प्रयागराज उच्च न्यायालय में कुशीनगर जिलाधिकारी (DM) सहित कुल 195 लोगों के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की गई है। यह याचिका पडरौना राज दरबार की विवादित जमीनों की खरीद-फरोख्त से संबंधित है, जिन पर उच्च न्यायालय का रोक का आदेश और जिलाधिकारी की रिसीवरशिप लागू है। रानी रेवती देवी रवि प्रताप न्यास की मुख्य ट्रस्टी डॉ. मधु दीक्षित ने यह मुकदमा दायर किया है। इसमें आदित्य प्रताप नारायण सिंह और विवादित जमीनों के रिसीवर नियुक्त जिलाधिकारी कुशीनगर समेत 195 लोगों को प्रतिवादी बनाया गया है। पडरौना राज दरबार की जमीनों का एक बड़ा हिस्सा कुशीनगर जिले के कई तहसील क्षेत्रों, विशेषकर पडरौना और खड्डा में फैला हुआ है। इन जमीनों पर सीलिंग से जुड़े मुकदमों के बीच चकबंदी विभाग पर मनमाने ढंग से नियम विरुद्ध दूसरे लोगों के नाम दर्ज करने के आरोप लगते रहे हैं। रानी रेवती देवी रवि प्रताप न्यास अपने हक की जमीनों के लिए लगातार कानूनी लड़ाई लड़ रहा है। न्यायालय ने वादी और प्रतिवादियों के बीच चल रहे इस कानूनी विवाद में कई आदेश जारी किए थे, जिनमें जमीनों की खरीद-बिक्री पर स्पष्ट रोक लगाई गई थी। न्यायालय के आदेश पर ही कुशीनगर जिलाधिकारी को इन जमीनों का रिसीवर नियुक्त किया गया था और उनकी देखरेख का जिम्मा सौंपा गया था। हालांकि, इन सभी निर्देशों के बावजूद, विवादित जमीनों की बिक्री खुलेआम जारी थी। अवमानना वाद दाखिल करने वाले उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित कुमार ने बताया कि डॉ. मधु दीक्षित की तरफ से आदित्य प्रताप नारायण सिंह सहित 195 लोगों को पक्षकार बनाया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि चूंकि जिलाधिकारी ही इन जमीनों के रिसीवर नियुक्त हैं, और इसके बाद भी जमीनों की बिक्री हो रही है, इसलिए उन्हें भी इस वाद में एक पक्ष बनाया गया है। साथ ही, कई अन्य लोग जो इन जमीनों की खरीद या बिक्री से जुड़े हैं, उन्हें भी पक्षकार बनाकर अवमानना वाद दाखिल किया गया है। अवमानना वाद दाखिल करने वाले उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित कुमार ने बताया कि रानी रेवती देवी रवि प्रताप न्यास की मुख्य ट्रस्टी डा. मधु दीक्षित की तरफ से आदित्य प्रताप नारायण सिंह सहित 195 लोगों को पार्टी बनाया गया है । एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि चूंकि डीएम ही इन जमीनों के रिसीवर नियुक्त हैं, इसके बाद भी जमीनों की बिक्री हो रही है तो उन्हें भी इस वाद में एक पक्ष बनाया गया है । साथ ही कई और लोग जो उक्त जमीनों की खरीद या बिक्री से जुड़े हैं उन्हें भी पक्षकार बनाकर अवमानना वाद दाखिल किया गया है ।


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