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बुलंदशहर रेप पीड़िता बोली-उम्रकैद नहीं फांसी होनी चाहिए:हादसे के बाद लगा जिंदगी खत्म, कई बार घर बदला; लोग प्वाइंट आउट करते हैं

मेरे साथ हैवानियत के बाद जीना मुश्किल हो गया है। हादसे के बाद लगा जिंदगी खत्म हो गई। लोग प्वाइंट आउट करने लगे थे। बार-बार घर बदलना पड़ा। मेरी सहेली को उसके घरवालों ने मेरे साथ जाने से मना कर दिया। आरोपियों को उम्रकैद नहीं मौत की सजा होनी चाहिए। ये कहना है बुलंदशहर की गैंगरेप पीड़िता का। दरअसल, बुलंदशहर में नेशनल हाईवे-91 पर परिवार को बंधक बनाकर मां-बेटी से गैंगरेप करने वाले 5 आरोपियों को उम्रकैद की सजा हुई है। पॉक्सो कोर्ट ने 9 साल 4 महीने और 22 दिन के बाद फैसला सुनाया। इस पर रेप पीड़िता ने कहा-पढ़कर जज बनूंगी ताकि ऐसे लोगों को सजा दे सकूं। अब पढ़िए पीड़िता से पूरी बातचीत… पीड़िता ने कहा-दोस्तों के घरवालों ने साथ जानने से मना कर दिया कोर्ट के फैसले से सहमत हूं। लेकिन मैं चाहती हूं उन्हें फांसी होनी चाहिए। ताकि समाज में एक मैसेज जाए, जो अपराध उन लोगों ने किया उसकी सजा बहुत कठोर होती है। उस हादसे के बाद लगा लाइफ ही खत्म हो गई। समझ में नहीं आ रहा था कि मेरे साथ क्या हो गया। मेरे पापा ने बहुत सपोर्ट किया। उस हादसे के बाद हमने कई घर बदले। क्योंकि जहां हम रहते थे वहां लोग प्वाइंट आउट करते थे। जिससे मेंटली हम लोगों को बहुत फर्क पड़ा है। कहीं भी इंसान जाता है तो इतनी जल्दी स्टेबल नहीं हो पाता है। पहले पाप बिजनेश करते थे। लेकिन इस हादसे के बाद उन्हें घर पर रहना पड़ा। फाइनेंशिल प्राब्लम आ गई। पापा ने हमेशा हिम्मत दी। पापा ने बोला बेटा तुम्हारे साथ जो हुआ इसके बाद समाज में कोई एक्सेंट कर ने करे इस लिए जिंदगी में इतनी काबिल बन जाओ कि ऐसे लोगों को सजा दे पाओ। उन्हें ऐसी सजा देनी चाहिए कि वह तिल-तिल तड़पें। अभी मैं पढ़ाई कर रही हूं। ग्रेजुएशन कंपलीट किया है. मैं लॉ करूंगी। मैं कुछ ऐसा बनना चाहती हूं ताकि मैं खुद कोई बड़ा कदम उठा सकूं। मैं सोच रही हूं पढ़ कर जज बन जाउं। या तो फिर UPSC की तैयारी कर कोई अधिकारी बन जाऊं। ताकि मेरे पास ऐसी पावर हो मैं इन्हें सजा दे सकूं। ताकि किसी और को मैरी तरह इंसाफ के लिए वेट करना पड़े। लोग बोलते हैं देखो इनके साथ यह हुआ लेकिन कितनी नॉर्मल जिंदगी जी रही है। मैं काफी साल बाद नॉर्मल हो पाई। मैं खुद को स्ट्रॉन्ग रखूगीं। ताकि कुछ बड़ा कर सकूं।
अब जानिए उस दिन क्या हुआ था
घटना 28 जुलाई, 2016 की रात की है। नोएडा का एक परिवार कार से शाहजहांपुर अपने पैतृक गांव जा रहा था। गांव में तेरहवीं थीं। कार में 14 साल की लड़की, उसके पिता, मां, ताई-ताऊ और तहेरा भाई बैठा था। रात डेढ़ बजे बुलंदशहर देहात कोतवाली क्षेत्र में दोस्तपुर फ्लाईओवर के पास बदमाशों ने कार को रोक लिया। इसके बाद सभी को बंधक बना लिया। मां और नाबालिग बेटी को पास के खेत में ले जाकर गैंगरेप किया। जबकि अन्य घरवालों को दूसरे खेत में बंधक बनाकर पीटा और लूटपाट कर भाग निकले। रात में नोयडा पुलिस को फोन किया पीड़ित परिवार ने रात में ही डायल-100 पर 100 से ज्यादा कॉल कीं, लेकिन मदद नहीं मिली। इसके बाद नाबालिग लड़की के पिता ने नोएडा पुलिस में कार्यरत अपने दोस्त को फोन किया। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। आरोप है, देहात कोतवाली पुलिस ने शुरू में मामला दबाने की कोशिश की। लड़की को मेडिकल के लिए भटकना पड़ा। आखिरकार घटना के 12 घंटे बाद 30 जुलाई की दोपहर मुकदमा दर्ज हुआ। कुल 11 आरोपी बनाए गए थे। इनमें एक की बीमारी से मौत हो चुकी है। 2 एनकाउंटर में ढेर हो गए थे। 3 को बरी किया जा चुका है। इन 5 दोषियों को हुई सजा 1- जुबैर उर्फ सुनील उर्फ परवेज पुत्र अकिल, कन्नौज के बिनौरा के इटखारी का रहने वाला था। 2- साजिद पुत्र वाहिद, यह कन्नौज के बिनौरा के इटखारी गांव का रहने वाला था। 3- धर्मवीर उर्फ राका उर्फ जितेन्द्र, पुत्र कुंदनलाल उर्फ विजयपाल। यह फर्रुखाबाद के गांव गेशनपुर का रहने वाला था। 4- नरेश उर्फ संदीप उर्फ राहुल पुत्र रिचपाल। यह फर्रुखाबाद के गांव गेशनपुर का रहने वाला था। 5- सुनील उर्फ सागर पुत्र जितेन्द्र निवासी बानबोई। यह फर्रुखाबाद के आजादनगर का रहने वाला था। CBI जांच और सीन रीक्रिएशन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस जघन्य घटना का स्वतः: संज्ञान लेते हुए सीबीआई को जांच के आदेश दिए थे। 19 अगस्त, 2016 को CBI जांच शुरू हुई। CBI टीम ने आरोपियों की रिमांड लेकर 20 अगस्त को घटनास्थल का सीन रीक्रिएट कराया। नोएडा और हरियाणा पुलिस ने 2 को एनकाउंटर में ढेर किया था इस केस में पुलिस ने बुलंदशहर और हरियाणा से कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों के खिलाफ 11 अप्रैल, 2017 और हरियाणा से गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ 27 जुलाई, 2018 को चार्ज फ्रेम किए गए। हालांकि, ट्रायल के दौरान एक आरोपी सलीम की बीमारी से मौत हो गई। दो आरोपी- अजय उर्फ असलम उर्फ कालिया को हरियाणा पुलिस और बंटी उर्फ गंजा उर्फ बबलू को नोएडा एसटीएफ ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। जबकि 3 रहीसुद्दीन, जावेद उर्फ शावेज और जबर सिंह के नाम केस से निकाले जा चुके हैं। 5 आरोपियों को आज कोर्ट ने दोषी करार दिया। अब इन्हें एडीजे मुख्य पॉक्सो ओमप्रकाश वर्मा की कोर्ट 22 दिसंबर को सजा सुनाई जाएगी। ————————————– ये खबर भी पढ़िए… जज बोले-राक्षसों को आखिरी सांस तक जेल में रखो, बुलंदशहर में हाईवे पर मां-बेटी से गैंगरेप करने वाले 5 को उम्रकैद बुलंदशहर में नेशनल हाईवे-91 पर परिवार को बंधक बनाकर मां-बेटी से गैंगरेप करने वाले 5 आरोपियों को उम्रकैद की सजा हुई है। पॉक्सो कोर्ट ने 9 साल 4 महीने और 22 दिन के बाद फैसला सुनाया। पढ़ें पूरी खबर…


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