सीतापुर में जहां एक ओर घने कोहरे और शीतलहर ने जनजीवन को प्रभावित कर रखा है, वहीं दूसरी ओर यूपी पुलिस का सराहनीय और मानवीय चेहरा सामने आया है। ठंड और कोहरे के बीच पुलिस की सतर्क रात्रि गश्त ने एक असहाय महिला और उसकी मासूम बच्ची को सुरक्षित उनके परिजनों तक पहुंचाने का काम किया। घटना 23 दिसंबर सोमवार देर रात की है। कोतवाली नगर में तैनात रात्रि अधिकारी ड्यूटी के दौरान उप निरीक्षक स्वाती चतुर्वेदी अपनी टीम के साथ गश्त पर थीं। इसी दौरान करीब रात 2 बजे जिला अस्पताल के आसपास एक महिला अपने गोद में करीब 7 माह की बच्ची को लिए असहाय अवस्था में खड़ी मिली। घने कोहरे और कड़ाके की ठंड के बीच महिला की हालत देखकर पुलिस टीम ने तुरंत उससे संपर्क किया। प्यार और संवेदनशीलता के साथ पूछताछ करने पर प्रतीत हुआ कि महिला मानसिक रूप से पूर्णतः स्वस्थ नहीं है। महिला किसी प्रकार का मोबाइल नंबर या स्पष्ट जानकारी नहीं दे पा रही थी। हालांकि, उसके हाथ पर “राकेश कुमार की पत्नी रेनू देवी”का नाम गुदा हुआ पाया गया। महिला उपनिरीक्षक ने बताया कि बातचीत के दौरान यह जानकारी सामने आई कि महिला थाना रामकोट क्षेत्र की निवासी हो सकती है। इस पर उप निरीक्षक स्वाती चतुर्वेदी द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए कंट्रोल रूम के माध्यम से थाना रामकोट से संपर्क किया गया। बीट सिपाही की मदद से महिला के पिता सरवन पुत्र मैकू और भाई आशीष, निवासी ग्राम पिपरी करियामऊ, थाना रामकोट से संपर्क स्थापित हुआ। सूचना मिलते ही महिला के पिता और भाई जिला अस्पताल सीतापुर पहुंचे। आवश्यक विधिक कार्रवाई एवं थाना रामकोट से समन्वय स्थापित करने के बाद महिला और उसकी 7 माह की बच्ची को सकुशल परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। महिला के पिता ने बताया कि उनकी बेटी मानसिक रूप से विक्षिप्त है और गलती से घर से निकल गई थी। पिता अपनी बेटी को पाकर पुलिस को धन्यवाद दिया। इस सराहनीय कार्य में आरक्षी सत्यम (सदर चौकी),आरक्षी पुष्पेंद्र (अस्पताल चौकी), आरक्षी शमशाद (रोडवेज चौकी) और अंकुश का भी विशेष योगदान रहा।
https://ift.tt/M8FCngS
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply