भावनपुर में सड़क किनारे दम तोड़ने वाले व्यक्ति की पहचान नहीं हो सकी है। नियमानुसार अज्ञात शव का 72 घंटे बाद ही पोस्टमार्टम कराया जा सकता है। आज 72 घंटे पूरे होते ही पुलिस पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूर्ण कराएगी। इस पूरे घटनाक्रम ने क्षेत्रीय लोगों को झकझोर दिया है। उनका कहना है कि अगर समय पर उपचार मिल जाता तो उस व्यक्ति की जान बचाई जा सकती थी लेकिन किसी ने सुध नहीं ली। एक नजर डालते हैं पूरी घटना पर भावनपुर थाना क्षेत्र में कोरल स्प्रिंग कालोनी है। इस कालोनी के बाहर एक मार्किट बनी है, जहां पिछले करीब 10 दिन से एक व्यक्ति खुले आसमान के नीचे रह रहा था। लोगों ने पहले तो उसे हटाने का प्रयास किया लेकिन जब पता चला कि उसका कोई नहीं है तो मदद को लोग आगे आ गए। खाने-पीने की चीजों से लेकर दवा तक उपलब्ध कराई। सर्दी से बचने के लिए गर्म कपड़े तक दिए। कई दिन सेवा करने के बाद 19 दिसंबर की रात उस व्यक्ति ने दम तोड़ दिया। पुलिस-प्रशासन ने नहीं ली सुध उस व्यक्ति की लोग मदद कर रहे थे लेकिन सेहत में सुधार नहीं आ पा रहा था। मौत वाली शाम लोगों ने पहले थाना पुलिस और फिर प्रशासन को सूचित किया लेकिन कोई मदद नहीं मिली। कुछ घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची जरूर लेकिन खानापूर्ति कर लौट गई। जबकि वह चाहती तो उस व्यक्ति को किसी अस्पताल या वृद्धाश्रम में भर्ती करा सकती थी। देखते ही देखते उसकी हालत बिगड़ी और रात करीब 12 बजे उसने दम तोड़ दिया। आगरा का बताता था खुद को मंगलवार को 72 घंटे बीत जाएंगे लेकिन पुलिस उस व्यक्ति के बारे में कोई भी जानकारी जुटाने में नाकाम ही रही। उसकी मदद करने वाले कुछ लोगों ने बताया कि जब वह उससे बातचीत करते थे तो वह खुद को आगरा का बताता था। यहां तक उसने बताया था कि वह आगरा के एक होटल में काम करता था। फिर होटल वालों ने उसे निकाल दिया। यहां वह काम की तलाश में घूमता रहा लेकिन किसी ने काम नहीं दिया। अंकुश चौधरी ने उठाए सवाल 19 दिसंबर की रात उस व्यक्ति की तबियत बिगड़ी तो किसी व्यक्ति ने आम आदमी पार्टी के नेता अंकुश चौधरी को फोन पर सूचना दी। अंकुश मौके पर पहुंचे और प्रशासन से संपर्क कर पूरा हाल समझाया लेकिन कोई आगे नहीं आया। इसी दौरान उस व्यक्ति ने तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया। उस व्यक्ति की मौत ने सभी को भावुक कर दिया। लोग शासन की योजनाओं पर सवाल उठाते दिखे। कुछ ही देर में अंकुश चौधरी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। लोग बोले- प्रशासन मौत का जिम्मेदार – क्षेत्रीय निवासी अमरपाल सिंह की मानें तो उस व्यक्ति के बारे में पुलिस और प्रशासन दोनों को बताया गया था लेकिन किसी ने गंभीरता नहीं दिखाई। आप नेता अंकुश चौधरी ने डीएम को फोन पर घटना बताई लेकिन उनके आश्वासन के बाद भी मदद नहीं मिली। एंबुलेंस तक तो नहीं पहुंची। – कोरल स्प्रिंग निवासी जितेंद्र चौधरी बताते हैं कि पहले लोग उस व्यक्ति को शराबी समझ रहे थे लेकिन बाद में जब पता चला कि वह बीमार है और उसका कोई नहीं है तो लोग मदद को आगे आ गए। वृद्धाश्रम तक भेजने का प्रयास किया लेकिन कोई कागज ना होने की वजह से सभी ने लेने से मना कर दिया।
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