आजमगढ़ में घर में घुसकर बुरी तरह से मार कर घायल करने के 33 साल पुराने मामले में सोमवार को फैसला आया है। सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने दो आरोपियों को सात-सात वर्ष के साधारण कारावास की सजा सुनाई है। प्रत्येक को 17000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यह फैसला अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट नंबर 10 रश्मि चंद ने सोमवार को सुनाया। अभियोजन के अनुसार वादी मुकदमा अब्दुल बारी निवासी इब्राहिमपुर थाना मुबारकपुर की गांव की अब्दुल हई से बंटवारे का विवाद चल रहा था। इसी रंजिश के कारण 24 जून 1992 को सुबह 7:00 बजे सरफराज ,खुर्शीद तथा आफताब पुत्रगण अब्दुल हई और अब्दुल बारी की बहन खतीजा खातून में कहा सुनी हो गई। विवाद बढ़ने पर तीनों हमलावरों ने घर में घुसकर खतीजा को चाकू से मार कर घायल कर दिया। पुलिस से जांच पूरी करने के बाद सभी आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित किया। इस दौरान मुकदमा आरोपी आफताब की मृत्यु हो गई । तीन गवाहों ने मामले में गवाही दी इस मामले में अभियोजन पक्ष की तरफ से कुल तीन गवाह न्यायालय में परीक्षित कराए गए। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी सरफराज व खुर्शीद को सात-सात वर्ष के कारावास व प्रत्येक को 17000 रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
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