बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे कथित अत्याचार के विरोध में मंगलवार को लखीसराय शहर में आक्रोश देखने को मिला। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के संयुक्त आह्वान पर सैकड़ों कार्यकर्ता शहर के शहीद द्वार के समीप एकत्र हुए और बांग्लादेश के प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस का पुतला दहन कर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान पूरे इलाके में नारेबाजी से माहौल गर्म हो गया और कुछ देर के लिए अफरा-तफरी की स्थिति बन गई। हिंदुओं पर हमले बंद करो के नारों से गूंजा इलाका प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने हाथों में झंडे और तख्तियां लेकर ‘बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्या बंद करो, जिहादी सरकार मुर्दाबाद और हिंदू समाज पर अत्याचार नहीं सहेंगे जैसे नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद वहां अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को सुनियोजित तरीके से निशाना बनाया जा रहा है। पुतला दहन के दौरान कार्यकर्ताओं में खासा आक्रोश देखा गया। नारेबाजी और प्रदर्शन के कारण कुछ देर तक सड़क पर यातायात भी प्रभावित रहा। विहिप का आरोप- जिहादी मानसिकता की सरकार में बढ़ा उत्पीड़न विश्व हिंदू परिषद के नेताओं ने आरोप लगाया कि बांग्लादेश में जिहादी मानसिकता वाली सरकार” बनने के बाद हिंदुओं पर अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि आए दिन हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की जा रही है, धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है और हिंदू समाज को डराने-धमकाने का प्रयास हो रहा है। वक्ताओं ने दावा किया कि कई स्थानों पर साधु-संतों को बिना किसी ठोस आरोप के जेलों में बंद किया जा रहा है, जो न केवल धार्मिक स्वतंत्रता का हनन है, बल्कि मानवाधिकारों का भी गंभीर उल्लंघन है। मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप प्रदर्शन को संबोधित करते हुए बजरंग दल के पदाधिकारियों ने कहा कि बांग्लादेश में हो रही घटनाएं केवल धार्मिक उत्पीड़न नहीं, बल्कि मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन हैं। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बांग्लादेश को एक लोकतांत्रिक देश बताया जाता है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब किसी देश में अल्पसंख्यकों की जान-माल सुरक्षित न हो, तो वहां के लोकतंत्र का क्या अर्थ रह जाता है? भारत सरकार से कड़े कदम उठाने की मांग प्रदर्शनकारियों ने भारत सरकार से मांग की कि वह इस मुद्दे को केवल कूटनीतिक बयानबाजी तक सीमित न रखे, बल्कि ठोस और प्रभावी कदम उठाए। उन्होंने कहा कि भारत को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाना चाहिए, ताकि वहां रहने वाले हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। संगठन के नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई गई, तो हालात और भयावह हो सकते हैं। आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के नेताओं ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार नहीं रुके, तो आंदोलन को और व्यापक एवं उग्र रूप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह केवल लखीसराय तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि राज्य और देश स्तर पर बड़े आंदोलन की शुरुआत की जाएगी। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, शांतिपूर्ण रहा प्रदर्शन पुतला दहन और प्रदर्शन को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। पुलिस बल मौके पर तैनात रहा, ताकि किसी तरह की अप्रिय घटना न हो। हालांकि प्रदर्शन उग्र नारों और पुतला दहन के बावजूद शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर फिर उठे सवाल लखीसराय में हुआ यह प्रदर्शन एक बार फिर पड़ोसी देश बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करता है। यह मुद्दा अब केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि मानवीय और अंतरराष्ट्रीय चिंता का विषय बनता जा रहा है।
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