बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर बढ़ती हिंसा और मैमन सिंह जिले में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की भीड़ द्वारा की गई निर्मम हत्या के विरोध में सोमवार को किशनगंज शहर में जोरदार प्रदर्शन देखने को मिला। वीर शिवाजी सेना के कार्यकर्ताओं ने गांधी चौक पर एकत्र होकर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस का पुतला दहन किया और भारत सरकार से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की। “हिंदुओं की हत्या बंद करो” के नारे से गूंजा गांधी चौक प्रदर्शन के दौरान सैकड़ों कार्यकर्ता गांधी चौक पर जुटे। उनके हाथों में तख्तियां थीं, जिन पर “हिंदुओं की हत्या बंद करो”, “बांग्लादेश में हिंदू सुरक्षित नहीं”, “मो. यूनुस मुर्दाबाद” जैसे नारे लिखे थे। कार्यकर्ता लगातार नारेबाजी कर रहे थे, जिससे इलाके में कुछ देर के लिए माहौल गरम हो गया। हालांकि पुलिस की मुस्तैदी के चलते प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा। चौक और आसपास के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी। वीर शिवाजी सेना का आरोप, हिंदुओं को बनाया जा रहा निशाना वीर शिवाजी सेना के अध्यक्ष सुमित साह ने प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कहा कि बांग्लादेश में हाल के दिनों में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि वहां हिंदुओं के घरों पर हमले किए जा रहे हैं, मंदिरों में तोड़फोड़ हो रही है और निर्दोष लोगों की हत्याएं की जा रही हैं। उन्होंने कहा,“मैमन सिंह में दीपू चंद्र दास की हत्या ने पूरे हिंदू समाज को झकझोर कर रख दिया है। यह सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि मानवता पर हमला है। हम मांग करते हैं कि भारत सरकार कूटनीतिक स्तर पर दबाव बनाकर बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे।” दीपू चंद्र दास की हत्या से फैला आक्रोश गौरतलब है कि 18 दिसंबर को बांग्लादेश के मैमन सिंह जिले के भालुका क्षेत्र में 25 साल के हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की कथित ईशनिंदा के आरोप में उग्र भीड़ ने निर्मम हत्या कर दी थी। आरोप है कि युवक को एक फैक्ट्री से जबरन बाहर खींचकर पीटा गया और बाद में शव को आग के हवाले कर दिया गया। यह घटना उस हिंसा की कड़ी मानी जा रही है, जो छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में भड़की थी। इस हिंसा में अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं को निशाना बनाए जाने के आरोप सामने आ रहे हैं। बांग्लादेश सरकार की कार्रवाई, लेकिन सवाल बरकरार बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने दीपू चंद्र दास की हत्या को जघन्य अपराध बताते हुए अब तक 10 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी की बात कही है। बावजूद इसके, हिंसा की घटनाएं पूरी तरह थमती नहीं दिख रही हैं। इस घटना की निंदा भारत समेत कई देशों और मानवाधिकार संगठनों ने की है। भारत सरकार ने भी पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को लेकर चिंता जताई है। सीमावर्ती किशनगंज में दिखा गहरा असर सीमावर्ती जिला होने के कारण किशनगंज में बांग्लादेश की घटनाओं का असर तेजी से देखने को मिलता है। प्रदर्शन के दौरान स्थानीय लोगों ने भी वीर शिवाजी सेना के आंदोलन का समर्थन किया और बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा की मांग उठाई। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार नहीं रुके, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर खड़े हुए सवाल किशनगंज में हुआ यह प्रदर्शन एक बार फिर बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े करता है। क्या वहां हिंदू सुरक्षित हैं? क्या अंतरिम सरकार हिंसा रोकने में सक्षम है? और क्या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ठोस हस्तक्षेप होगा, ये सवाल अब केवल बांग्लादेश तक सीमित नहीं, बल्कि वैश्विक चिंता का विषय बनते जा रहे हैं।
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