वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सोमवार को उड़ान संचालन की सुरक्षा और तकनीकी दक्षता को और सुदृढ़ करने के उद्देश्य से सीबीटीए (कॉम्पिटेंसी बेस्ड ट्रेनिंग एंड असेसमेंट) आधारित इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) पर पीएलआई प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का शुभारंभ किया गया। एयरपोर्ट के एटीएस परिसर में आयोजित उद्घाटन समारोह में एयरपोर्ट निदेशक पुनीत गुप्ता ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की। देशभर के हवाई अड्डों से पहुंचे तकनीकी कर्मी यह प्रशिक्षण कार्यक्रम भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के अंतर्गत आयोजित किया जा रहा है, जिसमें देश के विभिन्न प्रमुख हवाई अड्डों से आए कुल 12 सीएनएस (कम्युनिकेशन, नेविगेशन एंड सर्विलांस) कार्मिक भाग ले रहे हैं। मुंबई, चेन्नई, गुवाहाटी, बेंगलुरु, त्रिची, होल्लोंगी, मोपा और वाराणसी जैसे हवाई अड्डों के तकनीकी कर्मी इसमें शामिल हैं। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को आईएलएस प्रणाली से संबंधित आधुनिक तकनीकी ज्ञान और व्यावहारिक अनुभव प्रदान किया जाएगा। कम दृश्यता में सुरक्षित लैंडिंग की अहम तकनीक इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम एक अत्याधुनिक रेडियो नेविगेशन प्रणाली है, जो विमान को रनवे की सेंटर लाइन, ग्लाइड पाथ और ग्लाइड एंगल की सटीक जानकारी देती है। यह प्रणाली विशेष रूप से कोहरे, वर्षा और खराब मौसम की स्थिति में विमानों की सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके माध्यम से उड़ान सुरक्षा के साथ-साथ हवाई अड्डे की परिचालन निरंतरता भी बनी रहती है। तकनीकी दक्षता बढ़ाने पर विशेष जोर प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सीएनएस कार्मिकों की तकनीकी दक्षता, कौशल और कार्यकुशलता को मजबूत करना है, ताकि प्रतिकूल मौसम में भी उड़ानों का संचालन सुरक्षित और सुचारु रूप से किया जा सके। इस प्रशिक्षण से वाराणसी एयरपोर्ट पर स्थापित आईएलएस प्रणाली की कार्यक्षमता और अधिक बेहतर होने की उम्मीद है। उद्घाटन समारोह में सीएनएस प्रभारी आनंद सीतापराओ, एटीसी प्रभारी गोपाल मोहन दास और प्रशिक्षण प्रभारी ए.के. सक्सेना सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
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