सहारनपुर के नकुड़ थाना क्षेत्र में एक युवती ने एक दरोगा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। युवती रीना ने एसएसपी आशीष तिवारी को शिकायती पत्र सौंपकर बताया कि जमीन विवाद में उसे और उसके बुजुर्ग पिता को एससी-एसटी एक्ट के फर्जी मुकदमों में फंसाया जा रहा है। उसने दरोगा पर मानसिक उत्पीड़न और साजिश रचने का आरोप लगाया है। रीना के अनुसार, उसके पास गांव साहबामाजरा में आबादी भूमि में एक घेर है, जिस पर वह लंबे समय से काबिज है। इस घेर को लेकर कुछ ग्रामीण विवाद कर रहे थे। मामला न्यायालय पहुंचा, जिसने 18 नवंबर 2025 को रीना के पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट ने नकुड़ पुलिस को कब्जा दिलाने और निर्माण कार्य कराने का निर्देश दिया था, लेकिन विवाद जारी रहा। रीना का आरोप है कि थाना नकुड़ में तैनात एक दरोगा इस मामले में लगातार उसका मानसिक उत्पीड़न कर रहा हैं। पीड़िता ने बताया कि दरोगा ने उससे कहा कि यदि उसे कब्जा चाहिए तो थाने के सामने आत्मदाह करना होगा। जब उसने इनकार किया, तो उसे धमकाया गया। रीना का यह भी आरोप है कि दरोगा ने भीम आर्मी से जुड़े स्थानीय नेता के साथ मिलकर उसके खिलाफ साजिश रची। पीड़िता के मुताबिक, बीते रविवार की शाम दरोगा दीपक उसके घर पहुंचे और बताया कि साहबामाजरा निवासी भूपेंद्र पुत्र राजेंद्र ने उसके खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कराई है। यह सुनकर रीना के 70 वर्षीय पिता को गहरा सदमा लगा और सीने में दर्द के कारण उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। रीना ने बताया कि यह तीसरी बार है जब उस पर और उसके परिवार पर फर्जी तरीके से एससी-एसटी एक्ट के मुकदमे दर्ज किए गए हैं। उसने एसएसपी से मामले की निष्पक्ष जांच कराने, फर्जी मुकदमा हटाने और संबंधित दरोगा सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। इस मामले को लेकर पुलिस प्रशासन पर निष्पक्ष जांच का दबाव बढ़ गया है।
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