विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की अररिया इकाई ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर बढ़ते अत्याचारों के खिलाफ सोमवार शाम को जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। यह आक्रोश मार्च संकट मोचन हनुमान मंदिर, कोसी कॉलोनी से शुरू होकर काली मंदिर चौक तक निकाला गया। यह प्रदर्शन बांग्लादेश के मयमनसिंह जिले में 18 दिसंबर को हुई हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की निर्मम हत्या के विरोध में था। 25 वर्षीय दीपू को कथित ईशनिंदा के झूठे आरोप में एक उग्र भीड़ ने फैक्ट्री से खींचकर पीट-पीटकर मार डाला था। इसके बाद उसके शव को एक पेड़ से बांधकर आग लगा दी गई। आक्रोश मार्च में सैकड़ों हिंदू कार्यकर्ताओं ने हाथों में तख्तियां लेकर हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारियों ने ‘बांग्लादेश मुर्दाबाद’, ‘जिहादी मानसिकता मुर्दाबाद’ और ‘हिंदू और हिंदुस्तान जिंदाबाद’ जैसे जोरदार नारे लगाए। विहिप कार्यकर्ताओं ने कहा कि हिंदू सहिष्णु हैं, लेकिन बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जरूरत पड़ी तो सरहद पार भी हिंदुओं की रक्षा के लिए खड़े होंगे। विहिप नेताओं ने अंतरिम यूनुस सरकार पर जिहादी तत्वों को संरक्षण देने और हिंदुओं को व्यवस्थित रूप से निशाना बनाने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं दोहराई गईं तो विहिप अपनी सभी इकाइयों के साथ मुंहतोड़ जवाब देगी। मार्च में विभाग विशेष संपर्क प्रमुख शुभम चौधरी, संघ के राज किशोर जी, बजरंग दल नगर संयोजक सूरज कुमार, दुर्गा वाहिनी नगर संयोजिका श्रेया कुमारी, प्रखंड संयोजिका आरती कुमारी सहित प्रिंस कुमार, राहुल कुमार, जीत कुमार और रौनक कुमार जैसे प्रमुख कार्यकर्ता शामिल हुए। सैकड़ों सनातनी कार्यकर्ताओं की उपस्थिति से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। यह प्रदर्शन बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की मांग को लेकर देशभर में उठ रहे स्वरों का हिस्सा है। विहिप ने ऐलान किया है कि हिंदू समाज की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाया जाएगा।
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