प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की प्रयागराज सब-जोनल इकाई को भदोही के पूर्व बाहुबली विधायक विजय मिश्रा और उनकी पत्नी व पूर्व एमएलसी राम लली मिश्रा समेत पांच लोगों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ी सफलता मिली है। ईडी की ओर से दाखिल चार्जशीट को लखनऊ स्थित सीबीआई कोर्ट-1 के विशेष न्यायाधीश ने स्वीकार कर लिया है। पूर्व में दर्ज केस के आधार पर शुरू हुई जांच
ईडी की यह जांच पूर्व में विजय मिश्र व अन्य पर दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू हुई थी। इस मामले में 14 जुलाई और 26 जुलाई 2023 को चार्जशीट दाखिल की गई थी। आरोप है कि विजय मिश्रा और राम लली मिश्रा ने सार्वजनिक पद पर रहते हुए करीब 36.07 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति अर्जित की। आय से अधिक संपत्ति बनाई
जांच में सामने आया कि यह संपत्ति चल और अचल दोनों रूप में थी। गौरतलब है कि विजय मिश्रा और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ प्रदेश के विभिन्न जिलों में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें रंगदारी, अवैध खनन, अपहरण, हत्या, लूट, धोखाधड़ी, जालसाजी, ठगी, आपराधिक साजिश और संगठित अपराध जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। कंपनी के जरिए किया खेल
ईडी के अनुसार, सार्वजनिक पद का दुरुपयोग करते हुए विजय मिश्रा और राम लली मिश्रा ने एम/एस वीएसपी स्टार रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक कंपनी बनाई। इस कंपनी के जरिए अवैध रूप से कमाए गए धन को वैध दिखाने की कोशिश की गई और कंपनी के नाम पर बड़े पैमाने पर संपत्तियां खरीदी गईं। बेनामी संपत्तियां खरीदी गईं
जांच में यह भी खुलासा हुआ कि अपराध से कमाए गए धन को बेनामी संपत्तियों में लगाया गया। ईडी के मुताबिक, इस पूरे मामले में विजय मिश्रा के बेटे विष्णु मिश्रा और उनके करीबी भोलानाथ शुक्ला की अहम भूमिका रही। अवैध धन को कई तरीकों से व्यापार में लगाया गया और कुछ रकम को कर्ज के रूप में दिखाकर उसे वैध आय बताने की कोशिश की गई। 25 करोड़ की संपत्ति हो चुकी है जब्त
ईडी ने मामले में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी 25.46 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियां जब्त कर चुकी है। इनमें प्रयागराज, नई दिल्ली, मुंबई और मध्य प्रदेश के रीवा में स्थित आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियां शामिल हैं। अफसरों का कहना है कि जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में और भी खुलासे हो सकते हैं।
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