सोनभद्र के जिला कलेक्टर में विंध्याचल मंडल के आयुक्त राजेश प्रकाश की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसमें जिला प्रशासन, वन विभाग, खनिज विभाग, राजस्व विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी और खनन पट्टाधारक उपस्थित रहे। बैठक के दौरान, आयुक्त ने डीजीएमएस द्वारा बंद की गई 37 खदानों की उच्च स्तरीय संयुक्त जांच टीम गठित करने का निर्देश दिया। उन्होंने एक सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा। खान सुरक्षा निदेशक ने संकेत दिया कि जिन खदानों ने सरफेस प्लान और सुधारात्मक कार्य योजना प्रस्तुत कर दी है, उन्हें फिर से शुरू करने की प्रक्रिया की जाएगी। आयुक्त ने यह भी निर्देश दिया कि जनपद में वन अनापत्ति (13 क्षेत्र), पत्थर व मोरम (24 क्षेत्र), ईसी (12 क्षेत्र) और डीएसआर (10 क्षेत्र) से संबंधित कुल 59 लंबित क्षेत्रों पर जल्द से जल्द आवश्यक कार्यवाही पूरी कर उन्हें विज्ञापित किया जाए। इसका उद्देश्य आम जनता को गिट्टी और बालू जैसे उपखनिजों की आसान आपूर्ति सुनिश्चित करना है। इस दौरान, आयुक्त ने खान सुरक्षा निदेशक, वाराणसी क्षेत्र के साथ खनन पट्टों पर लगाए गए प्रतिबंधों के संबंध में पट्टाधारकों से सीधा संवाद किया और बंद खदानों के बारे में जानकारी ली। आयुक्त ने जिलाधिकारी को बताया कि 37 बंद खदानों की जांच के लिए गठित समिति में उप जिलाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक, वन विभाग, डीजीएमएस खनन विभाग के अधिकारी और भू-वैज्ञानिक शामिल होंगे। जिलाधिकारी ने खनन पट्टाधारकों को संबोधित करते हुए कहा कि खदानों में केवल प्रशिक्षित व्यक्तियों को ही रखा जाए। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि डीजीएमएस के निरीक्षण के दौरान संबंधित खदान के मालिक उपस्थित रहें, ताकि डीजीएमएस द्वारा दिए गए सुझावों का अनुपालन किया जा सके। बैठक में प्रभागीय कैमूर वन्य बिहार तापस मिहिर, प्रभागीय वनाधिकारी रॉबर्ट्सगंज, प्रभागीय वनाधिकारी ओबरा, प्रभागीय वनाधिकारी रेनुकूट, अपर जिलाधिकारी (वि./रा.) वागीश कुमार शुक्ला, ज्येष्ठ खान अधिकारी कमल कश्यप, खनन व्यवसाय संगठन के अध्यक्ष, पदाधिकारीगण सहित अन्य व्यवसायी उपस्थित रहे।
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