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के कविता का ऐलान- नई राजनीतिक पार्टी बनाएंगी:2029 का विधानसभा चुनाव भी लड़ेंगी, सितंबर में भारतीय राष्ट्र समिति (BRS) से निकाला गया था

भारतीय राष्ट्र समिति (BRS) नेता के. कविता सोमवार को नई राजनीतिक पार्टी बनाने का ऐलान किया। पूर्व सांसद कविता पूर्व CM के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) की बेटी हैं। कविता ने कहा कि उनका संगठन तेलंगाना जागृति वर्ष 2029 का विधानसभा चुनाव जरूर लड़ेगा। उन्होंने साफ किया कि वह अपने पिता की बनाई पार्टी BRS में नहीं लौटेंगी। कविता ने कहा जागृति चुनाव मैदान में होगी। पार्टी का नाम वही रहेगा या नहीं, यह अभी नहीं कहा जा सकता। 2 सितंबर को के. कविता को कथित पार्टी-विरोधी गतिविधियों के आरोप में उनके पिता की पार्टी BRS से निकाल दिया गया था। जोगुलाम्बा गडवाल जिले के दौरे के दौरान कविता ने कहा कि नई पार्टी लोगों की भागीदारी और तेलंगाना की संस्कृति की रक्षा पर केंद्रित होगी। अपने “माना ऊरु–माना एमपी” कार्यक्रम का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उनका जमीनी स्तर पर लोगों से मजबूत जुड़ाव है। उन्होंने दावा किया कि BRS के भीतर की अंदरूनी राजनीति के कारण उन्हें 2019 का चुनाव हारना पड़ा, फिर उनकी इच्छा के खिलाफ MLC बना दिया गया। BRS ने पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाया था कविता को BRS से निकालने का फैसला उनके पिता के. चंद्रशेखर राव (KCR) ने ही किया था। BRS ने बयान जारी कर कहा था कि कविता की गतिविधियां पार्टी के खिलाफ थीं। इसी वजह से फैसला लिया गया है। दरअसल, एक दिन पहले कविता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी के सहयोगियों पर KCR की छवि को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया था। कविता 2014 से 2019 तक निजामाबाद से लोकसभा सांसद रह चुकी हैं। ——————————– ये खबर भी पढ़ें… क्या KTR के बहाने तेलंगाना में BJP का ‘ऑपरेशन लोटस’:कविता के आरोपों में कितना दम बीआरएस में पिछले कई दिनों से नेतृत्व को लेकर विवाद चल रहा है। पार्टी प्रमुख केसीआर की बेटी के कविता का कहना है की बीआरएस में कुछ ऐसे लोग हैं। जो इसे भाजपा में मिलान चाहते हैं। 2001 में अलग तेलंगाना राज्य आंदोलन के बीच केसीआर ने अपनी पार्टी बीआरएस शुरू की थी। पूरी खबर पढ़ें… BRS विधायक दलबदल केस, स्पीकर 3 महीने में फैसला लें:सुप्रीम कोर्ट- ऐसी स्थिति मंजूर नहीं 31 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट भारत राष्ट्र समिति (BRS) के 10 विधायकों के दल-बदल केस में सुनवाई की। कोर्ट ने तेलंगाना विधानसभा के स्पीकर को आदेश दिया कि वह संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत इन विधायकों को अयोग्य ठहराने की याचिकाओं पर 3 महीने में फैसला लें। पूरी खबर पढ़ें…


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