पश्चिम चंपारण के लौरिया थाना क्षेत्र से सामने आई एक दिल दहला देने वाली घटना ने मानवीय संवेदनाओं को झकझोर कर रख दिया है। महज आठ रुपए का लालच देकर एक पांच साल के मासूम के साथ अप्राकृतिक यौनाचार की रूह कंपा देने वाली वारदात को अंजाम दिया गया। घटना के बाद मासूम की हालत नाजुक बनी हुई है और उसका इलाज बेतिया जीएमसीएच में चल रहा है। इस अमानवीय कृत्य के बाद पूरे गांव में गहरा आक्रोश और भय का माहौल है। मिली जानकारी के अनुसार, यह घटना रविवार की शाम की है। गांव के ही 20 वर्षीय युवक विनोद साह, पिता गौरीशंकर साह ने मासूम बच्चे को निशाना बनाया। आरोपी ने पहले बच्चे को बहला-फुसलाया और उसे आठ रुपए देकर खेलने का झांसा दिया। इसके बाद वह उसे गांव के समीप ‘सरेह’ इलाके में स्थित एक सुनसान बगीचे में ले गया। वहां आरोपी ने मासूमियत की सारी हदें पार करते हुए बच्चे के साथ हैवानियत की। खून से लथपथ हालत में घर पहुंचा मासूम वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी मासूम को घर के पास छोड़कर मौके से फरार हो गया। कुछ देर बाद जब बच्चा रोते-बिलखते हुए अपने घर पहुंचा, तो उसकी हालत देख परिजनों के पैरों तले जमीन खिसक गई। बच्चे के शरीर से अत्यधिक रक्तस्राव हो रहा था और वह दर्द से कराह रहा था। परिजनों ने बिना देर किए उसे स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पहुंचाया। सीएचसी में तैनात चिकित्सक डॉ. अफरोज आलम ने प्राथमिक उपचार के बाद बताया कि बच्चे को गंभीर अंदरूनी चोटें आई हैं। लगातार हो रहे रक्तस्राव और जख्म की गंभीरता को देखते हुए उसे बेहतर इलाज के लिए तुरंत बेतिया जीएमसीएच रेफर कर दिया गया। डॉक्टरों के अनुसार मासूम की स्थिति फिलहाल गंभीर बनी हुई है। घटना से गांव में उबाल, आरोपी गिरफ्तार घटना की खबर फैलते ही गांव में आक्रोश भड़क उठा। लोग आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करने लगे। परिजनों ने इसकी सूचना लौरिया थाना को दी। सूचना मिलते ही पुलिस हरकत में आई और त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी विनोद साह को गिरफ्तार कर लिया। लौरिया थानाध्यक्ष रमेश कुमार शर्मा ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत प्राथमिकी दर्ज की गई है। आरोपी से पूछताछ जारी है और उसके खिलाफ सख्त कानूनी धाराओं में कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस जघन्य अपराध में दोषी को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। बच्चों की सुरक्षा पर फिर खड़े हुए सवाल यह घटना एक बार फिर समाज में बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। जिस उम्र में बच्चों के हाथों में खिलौने और आंखों में सपने होने चाहिए, उसी उम्र में इस तरह की दरिंदगी का शिकार होना पूरे समाज के लिए शर्मनाक है। महज चंद रुपयों का लालच देकर मासूम की अस्मत से खेलने वाली यह घटना किसी के भी रोंगटे खड़े करने के लिए काफी है। परिवार सदमे में, न्याय की मांग पीड़ित परिवार गहरे सदमे में है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। उनका कहना है कि आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई और मासूम इस तरह की हैवानियत का शिकार न बने। गांव के लोग भी प्रशासन से पीड़ित परिवार को सुरक्षा और न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं। कानून और समाज की साझा जिम्मेदारी बाल अधिकारों से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए केवल कानून ही नहीं, बल्कि समाज को भी सतर्क और संवेदनशील होना होगा। बच्चों की सुरक्षा को लेकर परिवार, समाज और प्रशासन—तीनों की जिम्मेदारी है। साथ ही ऐसे मामलों में त्वरित जांच और कठोर सजा ही अपराधियों में भय पैदा कर सकती है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है और मासूम की हालत पर सभी की नजरें टिकी हैं। यह घटना न केवल कानून व्यवस्था, बल्कि समाज की संवेदनशीलता की भी कड़ी परीक्षा है।
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