जालौन में एक मजदूर का शव चार दिन बाद नाले से बरामद किया गया है। 35 वर्षीय वीर सिंह बाल्मिक की मौत कोहरे के कारण हुए सड़क हादसे में हुई थी। उनका शव सोमवार सुबह अटरा खुर्द गांव के पास एक चेक डैम में उतराता मिला। इस घटना से क्षेत्र में सनसनी फैल गई और परिजनों में शोक व्याप्त है। जानकारी के अनुसार, पीपरी अठगइया निवासी वीर सिंह की आर्थिक स्थिति कमजोर थी और वह मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे। गुरुवार रात वह मजदूरी के बाद एक रिश्तेदार के यहां से लौट रहे थे। सिरसा-बाबई मार्ग पर हथना गांव के रप्टा पुल के पास घने कोहरे के कारण उनकी बाइक बेकाबू होकर मलंगा नाले में गिर गई। अंधेरा और कोहरा अधिक होने के कारण किसी को भी हादसे का पता नहीं चल सका। वीर सिंह के घर न लौटने पर परिजनों ने उनकी तलाश शुरू की। बाद में पिता ने सिरसा कलार थाने में उनकी गुमशुदगी दर्ज कराई। शनिवार सुबह नाले के बीच से वीर सिंह की बाइक और हेलमेट बरामद होने के बाद उनके नाले में डूबने की आशंका बढ़ गई। पुलिस ने तत्काल एसडीआरएफ की पनडुब्बी टीम की मदद से खोजबीन शुरू की। लगातार तलाश के बाद सोमवार सुबह करीब तीन किलोमीटर दूर ग्राम अटरा खुर्द के पास नाले के चेक डैम में एक शव उतराता हुआ दिखाई दिया। सूचना मिलने पर थाना प्रभारी परमेन्द्र कुमार सिंह पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। स्वजनों की सहायता से शव की शिनाख्त वीर सिंह के रूप में की गई। फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र किए, जिसके बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। ग्रामीणों ने बताया कि वीर सिंह ही अपने पूरे परिवार की जिम्मेदारी संभालते थे। उनकी असमय मौत से पत्नी रानी देवी सदमे में हैं। मृतक के दो बेटे राज और आनंद तथा एक बेटी कीर्ति हैं, जिनके सिर से पिता का साया उठ गया है। इस संबंध में एसडीएम जालौन हेमंत पटेल ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद शासन की ओर से नियमानुसार आर्थिक सहायता राशि परिजनों को स्वीकृत कराई जाएगी। प्रशासनिक आश्वासन के बावजूद परिवार के सामने भविष्य की चिंता गहराती नजर आ रही है।
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