एटा में हिंदू संगठनों ने बांग्लादेश में एक हिंदू युवक की हत्या के विरोध में प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेशी प्रधानमंत्री मुहम्मद यूनिस का पुतला फूंका और जमकर नारेबाजी की। विश्व हिंदू महासंघ के मंडल प्रभारी मोहित पाठक के नेतृत्व में पंडित दीनदयाल उपाध्याय चौराहा पर यह प्रदर्शन किया गया। यह विरोध प्रदर्शन बांग्लादेश में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की कथित हत्या के विरोध में आयोजित किया गया था। आरोप है कि दीपू चंद्र दास पर पैगंबर के अपमान का झूठा आरोप लगाकर भीड़ ने पीट-पीटकर जिंदा जला दिया था। प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए। उनका आरोप था कि दीपू चंद्र दास को पुलिस हिरासत में रहते हुए उग्र भीड़ के हवाले कर दिया गया, जो बांग्लादेशी सुरक्षा बलों की घोर लापरवाही को दर्शाता है। संगठनों ने दावा किया कि यह घटना बांग्लादेश में जिहादियों के बढ़ते प्रभाव को उजागर करती है। एटा के शहीद पार्क में आयोजित इस प्रदर्शन में हिंदू संगठनों ने बांग्लादेश सरकार से इस मामले के दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की। उन्होंने भारत सरकार से भी बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें भारत में शरण देने का आग्रह किया। संगठनों ने चेतावनी दी कि यदि बांग्लादेश सरकार इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाती है, तो भारत सरकार को बांग्लादेश से अपने राजनयिक संबंध समाप्त कर देने चाहिए। इस विरोध प्रदर्शन में हरेंद्र मोहन सारस्वत, अनिल दुबे, अतुल दीक्षित, विनीत भारद्वाज, मोहित पाठक, मेधावृत शास्त्री, सोनी वशिष्ठ, चंदन शर्मा, प्रवेश मिश्रा, कौशल पाण्डेय, अतुल मिश्रा, ललित पांडेय, उज्ज्वल पाण्डेय, प्रत्यूष पुंढीर, लोकेश पचौरी, अंकित उपाध्याय, प्रशांत गोस्वामी, गजेंद्र वर्मा, कुलदीप गुप्ता, अनमोल, विशाल कुमार और अमर कुमार सहित कई कार्यकर्ता शामिल हुए।
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