कानपुर में अब कुत्तों को उम्रकैद की सजा दी जा रही है। अब तक 5 कुत्तों को आजीवन कारावास की सजा दी जा चुकी है। इसमें सिर्फ स्ट्रीट डॉग्स ही नहीं, बल्कि ऐसे पालतू कुत्ते भी शामिल हैं। जो लोगों के लिए जानलेवा साबित हुए हैं। दरअसल, शहर में कुत्तों के काटने के मामले लगातार सामने आने के बाद नगर निगम ये बड़ा कदम उठाया है। आमजनों को कुत्तों के हमले से बचाने और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन में जिले भर में अभियान चलाकर आवारा कुत्तों को पकड़ा जा रहा है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी की देखरेख में यह अभियान चल रहा है। वहीं अगर कोई कुत्ते को गोद लेना है तो वह लिखित में हलफनामा देना होगा। कुत्ते के शरीर में एक माइक्रोचिप लगाई जाएगी, ताकि भविष्य में उसकी हर हरकत पर प्रशासन की नजर रहे। लोगों की शिकायत पर पकड़े गए 5 कुत्ते
नगर निगम को कंट्रोल रूम के जरिए शिकायत मिली थी कि कुछ आवारा कुत्ते लगातार लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। जिसके बाद नगर निगम की कैटल कैटिंग टीम ने 5 कुत्तों को पकड़ लिया। इन्हें एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) सेंटर में रखा गया है। अब इन कुत्तों की नसबंदी कराई जाएगी। इन कुत्तों को हमेशा के लिए एबीसी सेंटर में ही अधिकारियों व टीम की देखरेख में रखा जाएगा। जिससे कि यह दोबारा किसी पर हमला न करें। अगर कोई कुत्ता किसी व्यक्ति को काटता है, तो टीम उस कुत्ते को भी पकड़कर उसकी निगरानी करेगी। एक बार काटने वाले कुत्ते को एबीसी सेंटर लाया जाएगा। 10 दिन तक सेंटर में रखकर उसकी निगरानी की जाएगी। इसके बाद उसे छोड़ दिया जाएगा। लेकिन बार-बार लोगों पर हमला करने वाले कुत्तों को नहीं छोड़ा जाएगा। कोई गोद लेगा, तो ही छूटेंगे कुत्ते
एबीसी सेंटर में रखकर कुत्तों की निगरानी की जाएगी। एक महीने तक उनकी हरकतों पर नजर रखी जाएगी। उनका इलाज किया जाएगा। इसके बाद अगर कोई व्यक्ति इनको गोद लेने के लिए नगर निगम से संपर्क करता है, तो ही इन कुत्तों को छोड़ जाएगा। इसके लिए भी प्रशासन ने नियम बनाए हैं। इन कुत्तों को तभी छोड़ा जाएगा जब कोई व्यक्ति इनकी पूरी जिम्मेदारी लेने को तैयार होगा। गोद लेने वाले को लिखित में हलफनामा देना होगा कि कुत्ता दोबारा किसी पर हमला नहीं करेगा। कुत्ते के शरीर में एक माइक्रोचिप लगाई जाएगी, ताकि भविष्य में उसकी हर हरकत पर प्रशासन की नजर रहे। अगर कोई व्यक्ति इन कुत्तों को गोद नहीं लेगा, तो यह कुत्ते स्थाई रूप से नगर निगम के एबीसी सेंटर पर ही रहेंगे। एबीसी सेंटर में प्रोटीन युक्त भोजन के साथ अच्छी देखरेख की जाएगी। कोर्ट के आदेश पर चलाया जा रहा अभियान
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरके निरंजन ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार आवारा कुत्तों की जनसंख्या प्रसार को रोकना है। जिसके लिए अभियान चलाया जा रहा है। आवारा कुत्तों को एबीसी सेंटर में लाकर उनकी नसबंदी की जा रही है। निगरानी के दौरान उन्हें पोषक भोजन भी दिया जा रहा है। बताया कि हमारा मकसद कुत्तों को प्रताड़ित करना नहीं, बल्कि जनता को सुरक्षित रखना है। इन कुत्तों को सेंटर में बेहतर खान-पान और मेडिकल सुविधाएं दी जा रही हैं। ……………………….. ये खबर भी पढ़िए- पत्नी ने दो बॉयफ्रेंड संग कारोबारी पति के टुकड़े किए:सोते वक्त ग्राइंडर से हाथ-पैर काटे; संभल में मुस्कान जैसी वारदात की
संभल में मेरठ के सौरभ हत्याकांड जैसी वारदात सामने आई है। यहां पत्नी ने दो बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर कारोबारी पति की हत्या कर दी। तीनों ने पहले लोहे की रॉड, जूते में कील ठोकने वाले हथौड़े से उसके सिर पर वार किए। फिर मौत होने के बाद ग्राइंडर से शव के कई टुकड़े कर दिए। पढ़ें पूरी खबर…
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