अरवल में आज भाकपा माले और खेत मजदूर ग्रामीण सभा ने सोमवार को गरीब विरोधी कानूनों के खिलाफ प्रतिरोध मार्च निकाला। इस मार्च का नेतृत्व भाकपा माले के जिला सचिव कॉम. जितेंद्र यादव, राज्य कमेटी सदस्य सह अरवल के पूर्व विधायक कॉम. महानंद सिंह, सीपीआई नेता कॉम. दीनानाथ सिंह, खेत मजदूर ग्रामीण सभा के नेता कॉम. उपेंद्र पासवान और कॉम. सुरेंद्र प्रसाद विजय पासवान, एपवा नेत्री कॉम. लीला वर्मा, तथा इंकलाबी नौजवान सभा के नेता कॉम. रामकुमार ने किया। मार्च के दौरान, नेताओं ने नए श्रम कानूनों का विरोध किया। उन्होंने कहा कि सरकार 125 दिन के काम का वादा कर रही है, जबकि मनरेगा में 100 दिन के काम की गारंटी भी मजदूरों को नहीं मिली। नेताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार कृषि कार्यों के दौरान मजदूरों को काम नहीं देगी, जिससे वे बेरोजगार हो जाएंगे। भाकपा माले के नेताओं ने मनरेगा कानून को रद्द करने के लिए भाजपा सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि बिहार में सरकार बनने के बाद गरीबों के घरों पर बुलडोजर चलाए जा रहे हैं और उन्हें उजाड़ा जा रहा है, जबकि सरकार के मुखिया इस पर चुप हैं। नेताओं ने अरवल में एक आंगनवाड़ी रसोइया के साथ बलात्कार और हत्या की घटना का भी जिक्र किया। उन्होंने आरोप लगाया कि अपराधियों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है, और बिहार में अपराध लगातार बढ़ रहा है। भाकपा माले ने सरकार से अपराधियों को तुरंत गिरफ्तार करने और गरीबों पर बुलडोजर चलाना बंद करने की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने कार्रवाई नहीं की, तो बिहार के गरीब सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे, जिसका नेतृत्व भाकपा माले करेगी।
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