सुलतानपुर की स्पेशल पाक्सो कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में रेप और पाक्सो एक्ट के तहत आरोपी धर्मेंद्र यादव उर्फ रोहित यादव और मोहित यादव को बरी कर दिया है। न्यायालय ने यह फैसला साक्ष्यों के अभाव में सुनाया। यह मामला राज्य बनाम धर्मेंद्र यादव उर्फ रोहित यादव से संबंधित था। बचाव पक्ष की ओर से एडवोकेट रणजीत सिंह त्रिसुन्डी ने पैरवी की। न्यायाधीश नीरज कुमार श्रीवास्तव ने दलीलों से सहमत होते हुए अभियुक्तों को दोषमुक्त करने का आदेश दिया। जयसिंहपुर की एक शिकायतकर्ता ने 26 मई को कोतवाली जयसिंहपुर में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया गया था कि रोहित यादव, जो उनके भाई संदीप यादव के साथ शहर में नौकरी करते थे, उनके घर आने-जाने लगे थे। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि उनके भाई और पिता के रोजी-रोटी के लिए शहर में रहने का फायदा उठाकर रोहित यादव ने उन्हें अपने जाल में फंसाया। उन पर अवैध संबंध बनाने, ब्लैकमेल कर संबंध जारी रखने और शादी का झांसा देने का आरोप था। शिकायतकर्ता ने यह भी बताया कि रोहित कभी-कभी अपने भाई मोहित यादव को भी उन्हें लेने या छोड़ने के लिए भेजते थे। 11 अप्रैल 2023 को मोहित यादव शिकायतकर्ता को बाइक पर बैठाकर रोहित के बताए स्थान पर ले जा रहे थे। रास्ते में विवाद होने पर मोहित ने कथित तौर पर कहा कि वे दोनों भाई मिलकर उसका गला दबाकर ‘सारा खेल खत्म कर देंगे’। यह सुनकर शिकायतकर्ता डर गई और बाइक से उतरने की बात कही, जिस पर मोहित ने उसे चलती बाइक से धक्का दे दिया। शिकायतकर्ता की जान सामने से आ रही गाड़ी से किसी तरह बची। हालांकि, न्यायालय ने प्रस्तुत साक्ष्यों की कमी को देखते हुए अभियुक्तों को सभी आरोपों से बरी कर दिया।
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