देवरिया में जिला कांग्रेस कमेटी ने मनरेगा का नाम बदलने के प्रस्ताव का विरोध किया। सोमवार को ‘महात्मा गांधी नेशनल ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम’ (मनरेगा) का नाम बदलकर ‘विकसित भारत गारंटी रोजगार एवं आजीविका मिशन’ (वी बी-जी राम जी) किए जाने के प्रस्ताव के खिलाफ यह प्रदर्शन किया गया। यह विरोध प्रदर्शन सुभाष चौक से शुरू हुआ और सिविल लाइंस, कलेक्ट्रेट कचहरी तथा शिव मंदिर होते हुए वापस सुभाष चौक पर समाप्त हुआ। इसमें कांग्रेस के नेताओं, पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं के साथ बड़ी संख्या में आमजन भी शामिल हुए। जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय शेखर मल्ल ‘रोशन’ ने इस प्रस्ताव को गरीबों, मजदूरों और ग्रामीण जनता के अधिकारों पर सीधा हमला बताया। उन्होंने कहा कि मनरेगा करोड़ों गरीब परिवारों के लिए जीवनरेखा है और इसके नाम से छेड़छाड़ करना जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है। मल्ल ने आरोप लगाया कि यह फैसला आरएसएस और भाजपा की महात्मा गांधी के प्रति पुरानी दुर्भावना को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि गांधी जी श्रम की गरिमा, सामाजिक न्याय और गरीबों के अधिकारों के प्रतीक रहे हैं, इसलिए उनका नाम हटाना जन-केंद्रित कानून से उनके जुड़ाव को तोड़ने का प्रयास है। पूर्व जिलाध्यक्ष सुयश मणि त्रिपाठी ने भाजपा पर गांधी जी की स्मृति को कमजोर करने की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह नाथूराम गोडसे के महिमामंडन की सोच का हिस्सा है। त्रिपाठी ने स्पष्ट किया कि किसी योजना से गांधी जी का नाम हटाकर उन्हें देश की चेतना से अलग नहीं किया जा सकता। प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने महात्मा गांधी की तस्वीरें हाथों में लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने मनरेगा को लेकर अपना फैसला वापस नहीं लिया, तो कांग्रेस इस आंदोलन को और तेज करेगी। इस विरोध प्रदर्शन में पूर्व जिलाध्यक्ष बिस्मिल्लाह लारी, राधवेंद्र सिंह ‘राकेश’, धर्मेंद्र सिंह, मुकुंद भास्कर मणि त्रिपाठी, पुरुषोत्तम सिंह, नागेंद्र शुक्ला, अरविंद शाही, वरुण राय सहित सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हुए। इस प्रदर्शन के बाद जिले की राजनीति में हलचल तेज होने की बात कही जा रही है।
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