सीतापुर में मनरेगा योजना का नाम बदलकर विकसित भारत रोजगार आजीविका गारंटी मिशन योजना किए जाने के विरोध में सोमवार को कांग्रेस सांसद राकेश राठौर ने उपवास सत्याग्रह किया। इस दौरान कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ उन्होंने शहर में पैदल मार्च निकालकर केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। पैदल मार्च के दौरान कार्यकर्ताओं ने सरकार विरोधी नारे लगाए और मनरेगा का नाम यथावत रखने की मांग की। पैदल मार्च शहर के प्रमुख मार्गों से होता हुआ अम्बेडकर पार्क पहुंचा। इससे पहले सांसद राकेश राठौर ने महात्मा गांधी और डॉ. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद अम्बेडकर पार्क में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर उन्होंने उपवास सत्याग्रह प्रारंभ किया। सांसद राठौर ने भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के नाम से जुड़ी योजना का नाम बदलना निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है। यह फैसला उस विचारधारा पर हमला है, जिसने गरीबों, मजदूरों और वंचितों को आत्मसम्मान के साथ रोजगार का अधिकार दिया। उन्होंने कहा कि मनरेगा केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि गांधीजी के विचारों और सिद्धांतों का प्रतीक है। सांसद ने आरोप लगाया कि भाजपा पहले गांधी की हत्या कराने वाली विचारधारा से जुड़ी रही है और अब उनके विचारों की हत्या कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को गांधी के नाम और उनके सिद्धांतों से समस्या है, इसलिए योजनाओं से उनका नाम हटाया जा रहा है। राम के नाम को लेकर उठे सवालों पर सांसद राठौर ने स्पष्ट किया कि भगवान राम के नाम से किसी को कोई आपत्ति नहीं है। आपत्ति इस बात की है कि गांधी के नाम को योजनाओं से हटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा को विकास और रोजगार जैसे मूल मुद्दों पर जवाब देना चाहिए, न कि योजनाओं के नाम बदलकर जनता का ध्यान भटकाना चाहिए। इस मौके पर कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता, पदाधिकारी और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में मनरेगा का नाम बहाल करने और केंद्र सरकार के फैसले को वापस लेने की मांग की।
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