मेरठ में गुर्जर महापंचायत में बवाल, हंगामा:10 दिन पहले ठाकुरों के गांव में एंट्रीगेट पर मिहिरभोज के बोर्ड पर राजपूत लिखने से भड़की थी चिंगारी

मेरठ के दौराला थाना क्षेत्र के दादरी गांव में रविवार को गुर्जर बिरादरी के लोगों ने महापंचायत बुलाई थी। पिछले 5 दिनों से इस महापंचायत का प्रचार, प्रसार सोशल मीडिया पर हो रहा था।
रविवार को काफी संख्या में बिरादरी के लोग जुटे। पंचायत का समय सुबह 11 बजे से था। दादरी में बीच सड़क पर पुल के नीचे ही पंचायत के लिए भीड़ जुटनी शुरू हो गई। पंचायत के लिए पुलिस, प्रशासन से कोई अनुमति नहीं मिली थी। इसके बावजूद पंचायत की गई। नोएडा से आसपा के महासचिव और गुर्जर नेता रविंद्र भाटी भी पहुंचे। इसके बाद बातचीत शुरू हुई। तभी पुलिसबल मौके ने मौके पर पहुंचकर लोगों को वहां से हटने को कहा।
लोग नहीं हटे तो मजबूरन पुलिस ने उन्हें उठाना शुरू किया। रविंद्र भाटी सहित कुछ लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया और गाड़ी में डालकर पुलिस लाइन लाया गया। इसी बीच आक्रोशित नकाबपोशियों की भीड़ ने पुलिस पर पत्थर फेंके, पुलिस की तरफ से माहौल शांति कराने के लिए लाठीप्रयोग करना पड़ा। इसके बाद पूरा माहौल गर्मा गया।
पूरे विवाद की शुरूआत कहां से हुई ये पढ़िए… मिहिर भोज को लिखा राजपूत सम्राट
इस पूरे विवाद की शुरूआत गुर्जर प्रतिहार वंश के शासक सम्राट मिहिर भोज के नाम और जातीय विवाद से हुई। दरअसल लगभग 10 दिन पहले मेरठ के सरधना के कपसाड़ गांव में एंट्री गेट पर बोर्ड लगाया गया। इस बोर्ड पर सम्राट मिहिर भोज की फोटो लगी थी। बोर्ड पर लिखा गया राजपूत सम्राट मिहिर भोज द्वार। ठाकुरों के गांव कपसाड़ के एंट्री पर यह बोर्ड लगाया गया। बताया जा रहा है कि इस आयोजन में सरधना से पूर्व विधायक संगीत सोम के पिता भी शामिल हुए थे। साथ ही तमाम ठाकुर बिरादरी के नेता, ठाकुर चौबीसी के लोग पहुंचे थे। सभी ने मिलकर मिहिर भोज को राजपूत मिहिर भोज लिख दिया। सोशल मीडिया पर वायरल की पोस्ट
इस आयोजन और एंट्री गेट की ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल की गई। राजपूत मिहिर भोज का बोर्ड देखकर गुर्जर बिरादरी का खून खौल गया। स्थानीय गुर्जरों से लेकर पश्चिमी यूपी के आसपास के जिलों के गुर्जर युवा भी ये देखकर विरोध मे उतर आए। गुर्जरों की ओर से सोशल मीडिया पर इस आयोजन और बोर्ड का विरोध शुरू हो गया। गुर्जरों ने इसे सम्राट मिहिर भोज का अपमान माना और इसका बदला लेने की रणनीति बनाने लगे। ठाकुर- गुर्जर जाति लिखने पर हुआ झगड़ा रविवार को प्रोटेस्ट में शामिल होने आए बिरादरी के लोगों ने बताया कि हमने प्रशासन, पुलिस को पहले ही ज्ञापन दिया था। हमने अपना शिकायती पत्र देकर पुलिस के सामने ये आपत्ति दर्ज कराई कि इस बोर्ड को हटवाया जाए या इसमें करेक्शन कराया जाए। ये सम्राट मिहिर भोज का अपमान है, जिस तरह उन्हें राजपूत लिखकर एक विशेष बिरादरी से जोड़ा जा रहा है ये हम सहेंगे नहीं इसलिए पुलिस बोर्ड हटाए। लेकिन पुलिस, प्रशासन ने न तो बोर्ड हटाया न ही कोई एक्शन लिया। तब जाकर मजबूरी में पंचायत करने का कदम उठाना पड़ा। उसमें भी हमारी पंचायत को अनुमति नहीं दी गई, जबकि पंचायत की परमिशन का लेटर भी हमने भेजा था। बिना अनुमति की बैठाई पंचायत, पुलिस ने रोका
बोर्ड न हटने और करेक्शन न होने के बाद बिरादरी के लोगों ने गुर्जर पंचायत का ऐलान किया। संयोजक मेरठ के अभिनव मोतला को बनाया गया। साथ ही आसपा के राष्ट्रीय महासचिव गुर्जर नेता रविंद्र भाटी को पंचायत में बुलाया गया। सोशल मीडिया पर पंचायत का प्रचार प्रसार भी होने लगा। लोगों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में पंचायत में शामिल होने का आव्हान किया जाने लगा। बिरादरी के लोग पुलिस के पास पंचायत की परमिशन लेने पहुंचे, लेकिन पुलिस ने इस बीच कई वीआईपी मूमेंट होने के कारण पंचायत की परमिशन नहीं दी। बिरादरी का आरोप पुलिस ने बोर्ड शिकायत के बाद भी नहीं हटाया अंत में रविवार को बिरादरी के नेताओं ने बिना अनुमति ही पंचायत शुरू कर दी। इसमें मेरठ, नोएडा, सहारनपुर, बागपत, मुजफ्फरनगर, हापड़ सहित अन्य जिलों के गुर्जर नेता पहुंचे। बिना परमिशन होने वाली पंचायत और लोगों का जुटान देखकर पुलिस अलर्ट हो गई। एसपी देहात, सीओ दौराला के साथ पुलिसबल दादरी गांव पहुंचा। वहां पंचायत रोकने का प्रयास किया। लेकिन लोग नहीं माने। आसपास के जिलों से भी पहुंचे गुर्जर नेता बाद में पुलिस ने रविंद्र भाटी सहित अन्य कुछ लोगों को हिरासत में लिया और गाड़ी में भरकर पुलिस लाइन लाने लगी। तभी वहां बिरादरी के युवकों ने हंगामा कर दिया। कुछ लड़कों ने चेहरा कवर करने के बाद पुलिस पर पत्थर फेंके। जबाव में पुलिस ने लाठियां दिखाकर भीड़ को खदेड़ा। इसके बाद पंचायत पूरी तरह खत्म कराई गई। लेकिन पुलिस के लाठी चलाने और नकाबपोशों की तरफ से पुलिस पर पत्थर फेंकने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। तब पुलिस ने पकड़े गए सभी लोगों को लेकर पुलिस लाइन लाई। उन नेताओं को अंदर ही रखा गया। वहीं अभिनव मोतला पर पुलिस की ओर से मुकदमा भी लिखा गया। पुलिस लाइन के बाहर लगा जमावड़ा काफी संख्या में लोग पुलिस लाइन के बाहर जुटकर हंगामा करने लगे लेकिन पुलिस ने किसी को भी रिलीज नहीं किया। पुलिस रविवार दोपहर 1 बजे 20 से अधिक गुर्जर नेताओं को अरेस्ट कर पुलिस लाइन लाई, जिसमे से केवल 5 लोगों को रात में 11 बजे पुलिस लाइन से छोड़ा गया।
काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने अभी अभी 5 लोगों को पुलिस लाइन से छोड़ा है। इसमें सहारनपुर का मोहित नागर, नितीश, बादल, आदित्य शामिल हैं। बताया जा रहा है कि अतुल प्रधान ने खुद डीएम से बात की और आशवासन दिया तब जाकर कुल 5 लोगों को छोड़ा गया है अभी भी 15 से अधिक लोग पुलिस हिरासत में पुलिस लाइन में ही हैं, जिन्हें अब छोड़ा जाना मुश्किल है।

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Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर