महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान आज बागपत में जनसुनवाई कार्यक्रम में पहुंचीं। इस दौरान उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हिजाब हटाने संबंधी बयान का समर्थन किया। उन्होंने पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में एक प्रेस वार्ता भी की। चौहान ने कहा कि जब महिलाएं हिजाब पहने होती हैं, तो उनकी पहचान करना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने तर्क दिया कि जब हम किसी कार्यालय या सार्वजनिक स्थान पर जाते हैं, तो वहां चेहरा छिपाना उचित नहीं होता, क्योंकि यह पहचान बताने की जगह होती है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस या मतदाता पहचान पत्र बनवाते समय भी चेहरा दिखाना पड़ता है, इसलिए इसमें कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने अपनी हाल की यात्रा का जिक्र करते हुए बताया कि कुछ महिलाएं सरकारी योजनाओं का लाभ ले रही थीं, लेकिन अपनी पहचान बताने को तैयार नहीं थीं। बबीता चौहान ने इसे गलत बताया और कहा कि सरकार महिलाओं के लिए इतना कुछ कर रही है, तो उनसे कैसा पर्दा या नकाब। उन्होंने जोर देकर कहा कि जहां सामाजिक पहचान देना आवश्यक हो, वहां नकाब की जरूरत नहीं है। उन्होंने विपक्ष पर भी हमला बोला और कहा कि विपक्ष बेवजह इस मामले को बढ़ावा दे रहा है, क्योंकि उनके पास कोई और मुद्दा नहीं है। उन्होंने दोहराया कि जहां पहचान की आवश्यकता हो, वहां नकाब की कोई जरूरत नहीं है।
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