राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पूजा कराने वाले पंडितजी का इंटरव्यू:मंत्रों के गुजराती और संस्कृत भाषा में महत्व को समझा, देवी मां किया षोडशोपचार पूजन
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (सीसीएसयू) में 22 सितंबर को होने वाले 137वें दीक्षांत समारोह से पहले एक खास नजारा देखने को मिला। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल और विश्वविद्यालय की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल 20 सितंबर को ही मेरठ पहुँच गई थीं। कृषि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल होने के बाद, 21 सितंबर की रात वे सीसीएसयू कैंपस के मंदिर पहुँचीं। यहाँ उन्होंने कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला के साथ विधिवत पूजा-अर्चना की। खास बात यह रही कि यह पूजा ऐसे समय हुई जब अगले ही दिन नवरात्रों का शुभारंभ होना था। राज्यपाल ने नवग्रह और षोडशोपचार पूजन कर माँ भगवती का आशीर्वाद लिया। विश्वविद्यालय मंदिर के पुरोहित डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि यह क्षण विश्वविद्यालय परिवार के लिए बेहद सुखद रहा। राज्यपाल ने पूरे मनोयोग और श्रद्धा से पूजा की। कुलपति भी उनके साथ मौजूद थीं। मंदिर की ओर से राज्यपाल को अखंड ज्योति और दुर्गा सप्तशती भेंट की गई। इसे पुरोहित ने आशीर्वाद का प्रतीक बताया। सवाल – पूजा-अर्चना के दौरान राज्यपाल ने किस भाषा में मंत्रोच्चारण किया? पंडित डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि आनंदीबेन पटेल ने संस्कृत और गुजराती दोनों भाषाओं के मंत्रों को पूरी श्रद्धा से समझने का प्रयास किया। उनके लिए इन दोनों भाषाओं में ज्यादा अंतर नहीं था और उन्होंने बहुत अच्छे से मंत्रों को ग्रहण किया। सवाल – क्या आने वाले नवरात्रों में राज्यपाल व्रत रखेंगी? पंडित जी ने कहा कि नवरात्रि में माँ भगवती की स्तुति करने के लिए राज्यपाल का मनोयोग निश्चित रूप से है। संभव है कि कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला भी व्रत रखें। सवाल – पूजा-अर्चना के वक्त कुछ खास हुआ? पंडित जी ने बताया कि खास यह रहा कि राज्यपाल ने पूरे ध्यान और शक्ति के साथ पूजा-अर्चना की। उनका एकाग्र भाव देखकर यह अनुभव बहुत अद्भुत लगा। सवाल – क्या राज्यपाल ने पूजा के दौरान कोई प्रार्थना की? पंडित जी ने कहा कि यह तो उनका अंतरमन ही जानता होगा कि उन्होंने क्या प्रार्थना की, लेकिन इतना निश्चित है कि उन्होंने ईश्वर को याद करते हुए पूरी पूजा-अर्चना संपन्न की।
Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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