सिटी रिपोर्टर| खोदावंदपुर छठ महापर्व के बीच बूढ़ी गंडक नदी के बढ़े जलस्तर ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। आपदा प्रबंधन विभाग, बेगूसराय ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए व्रतियों और श्रद्धालुओं के नदी घाटों पर जाने पर रोक लगा दी है। इस आदेश के बाद खोदावंदपुर प्रखंड के कई गांवों में छठ मनाने की परंपरागत प्रक्रिया प्रभावित हुई है। शनिवार को स्थानीय प्रशासन ने सागी, दौलतपुर, बाड़ा, बरियारपुर पश्चिमी, बरियारपुर पूर्वी, फफौत, खोदावंदपुर और मेघौल पंचायतों के विभिन्न टोले-मुहल्लों में माइक्रोफोन से प्रचार कर लोगों को सतर्क रहने की अपील की। प्रशासन ने बताया कि बूढ़ी गंडक के कुल 34 छठ घाट जलमग्न हो चुके हैं, जहां पूजा करना अत्यंत खतरनाक है।स्थिति को देखते हुए व्रतियों के सामने अर्घ्य अर्पण को लेकर दिक्कतें खड़ी हो गई हैं। जो व्रती हर साल नदी के घाट पर छठ करते थे, वे अब अपने घरों के आंगन, दरवाजे या छोटे तालाबों में अस्थायी घाट बनाकर सूर्य को अर्घ्य देने की तैयारी कर रहे हैं। कई परिवारों ने अपने घरों के पास गड्ढ़े खोदकर जल भरना शुरू कर दिया है । अंचल अधिकारी प्रीति कुमारी ने बताया कि वर्तमान परिस्थिति में प्रशासन के पास वैकल्पिक घाटों के निर्माण के लिए कोई विशेष बजट उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा, “हमारा मुख्य उद्देश्य लोगों को जागरूक और सतर्क करना है। सभी व्रतियों से अपील है कि वे प्रतिबंधित घाटों पर न जाएं और अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दें।” प्रशासन ने छठ पर्व को लेकर पुलिस गश्ती और आपदा निगरानी दल को भी सतर्क मोड में रखा है, ताकि किसी तरह की अप्रिय घटना न हो। श्रद्धालु भी इस बार आस्था और सुरक्षा के बीच संतुलन बनाते हुए घरों में ही छठ पर्व मनाने की तैयारी कर रहे हैं।
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