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बिहार में हत्या के मामलों में 7.72 फीसदी की कमी:एक भी जिला नक्सल प्रभावित नहीं, 2025 में 2.99 लाख पेंडिंग केस का निपटारा

बिहार में पिछले साल की तुलना में इस बार हत्या में 7.72, डकैती में 24.87 और दंगा मामलों में 17.97 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। बिहार में अब एक भी जिला नक्सल प्रभावित नहीं है। 2013 में 22 प्रभावित जिले थे। 2025 में 2.99 लाख लंबित मामलों का निपटारा किया गया है। गृह विभाग के ACS ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कानून व्यवस्था को लेकर जानकारी साझा की है। इस मौके पर डीजीपी विनय कुमार, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर पंकज दराद भी मौजूद रहे। ACS अरविंद चौधरी ने कहा कि हमारा मकसद प्रशासन के जरिए कानून-व्यवस्था को मजबूत करना, अपराध पर नियंत्रण रखना और लोगों को भयमुक्त माहौल में विकास है। इसी दिशा में वर्ष 2024-25 में पुलिस, प्रशासन और अभियोजन तंत्र ने कई अहम उपलब्धियां हासिल की हैं। सांप्रदायिक मामलों में खुफिया सूचना संग्रह और त्वरित कार्रवाई के कारण लगातार गिरावट आई है। वर्ष 2024 और 2025 में साम्प्रदायिक घटनाओं से जुड़े कुल 437 मामलों में अभियोजन की स्वीकृति दी गई है। सभी जिलों को चार्जशीट दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। 1419 अपराधियों की पहचान राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए बिहार अपराध नियंत्रण अधिनियम 2024 के तहत वर्ष 2025 में 25 कुख्यात अपराधियों के खिलाफ आदेश जारी किया गया। बीएनएसएस की धारा 107 के तहत 1419 अपराधियों की पहचान कर 405 के खिलाफ प्रस्ताव न्यायालय भेजे गए। जिसमें से 70 मामलों में संपत्ति जब्ती की प्रक्रिया चल रही है। 3 अपराधियों की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। धारा 126 के तहत 12,50,004 लोगों पर निरोधात्मक कार्रवाई और धारा 135 के तहत 3,81,823 लोगों से बांड पेपर भरवाया गया। सीसीए की धारा 3 के तहत 1949 लोगों के खिलाफ आदेश जारी किए गए। 21,067 वाहन जब्त किए गए हत्या (5620), डकैती (1054), लूट (2082), बलात्कार, अपहरण, एससी-एसटी एक्ट जैसे मामलों में जनवरी से नवंबर 2025 तक कुल 3,35,116 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। इस दौरान 4528 अवैध हथियार, 28,414 कारतूस, 82 बम, 278 डेटोनेटर, 64 मिनी गन फैक्ट्री, फेक करेंसी (IC 3,77,700 और NC 17,000), 6792 ग्राम हेरोइन, 198 किलो गांजा और 21,067 वाहन जब्त किए गए। सांप्रदायिक हिंसा, पुलिस पर हमला, भीड़ हिंसा और हर्ष फायरिंग के मामलों में 6854 अभियुक्तों की गिरफ्तारी हुई। हर्ष फायरिंग पर स्थायी आदेश लागू होने के बाद घटनाओं में भारी कमी आई है। राज्य से बाहर 36 ऑपरेशन ACS अरविंद चौधरी ने आगे कहा कि विधानसभा चुनाव 2025 पूरी तरह स्वच्छ, शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। चुनाव के दौरान 1650 CAPF कंपनियां तैनात की गईं और असामाजिक तत्वों पर निरोधात्मक कार्रवाई की गई। नवंबर 2025 तक 16.79 लाख लीटर देसी शराब और 16.51 लाख लीटर विदेशी शराब जब्त की गई। शराब तस्करी में 169 बड़े वाहन और 474 अन्य वाहन पकड़े गए। राज्य से बाहर जाकर 36 ऑपरेशन किए गए, जिनमें 2.15 लाख लीटर शराब बरामद हुई। ALTF की ओर से 16.16 लाख लीटर शराब की बरामदगी और 48,955 लोगों की गिरफ्तारी हुई। शराब कारोबार से अवैध संपत्ति बनाने वाले 289 लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई की जा रही है। नक्सल और संगठित अपराध पर प्रहार नक्सल विरोधी अभियानों से बिहार पूरी तरह नक्सल मुक्त हो चुका है। 2013 में 22 प्रभावित जिले थे, जो अब शून्य हो गए हैं। 2025 में अब तक 220 नक्सलियों की गिरफ्तारी, 1 नक्सली मुठभेड़ में ढेर, भारी मात्रा में हथियार, विस्फोटक, लैंडमाइन और डेटोनेटर बरामद किए गए। STF ने 1727 अपराधियों और उग्रवादियों को गिरफ्तार किया। आर्थिक और साइबर अपराध आर्थिक अपराध इकाई ने 103 मामलों की जांच, 11 लाख घन फीट अवैध बालू जब्त, और लोक सेवकों के खिलाफ 85 भ्रष्टाचार के केस दर्ज किए। साइबर अपराध में NCRP पोर्टल पर 24.38 लाख कॉल्स, 1.10 लाख साइबर ठगी की शिकायतें दर्ज हुई। 106.30 करोड़ रुपए होल्ड कराए गए और 7.36 करोड़ रुपए पीड़ितों को वापस दिलाए गए। 5624 साइबर केस, 1000 अपराधियों की गिरफ्तारी, हजारों मोबाइल नंबर और IMEI ब्लॉक किए गए। भूमि विवाद समाधान भू-समाधान पोर्टल पर 93,258 आवेदन मिले, जिनमें से 76,280 मामलों का निपटारा किया गया। 2025 में 31,362 संयुक्त बैठकें आयोजित की गई। अभय ब्रिगेड, महिला हेल्प डेस्क, मानव तस्करी विरोधी अभियान, पॉक्सो और एससी-एसटी मामलों में सख्त कार्रवाई की गई। NCRB के अनुसार बिहार में महिलाओं और अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ अपराध की दर राष्ट्रीय औसत से कम है। पुलिस सुदृढ़ीकरण और इंफ्रास्ट्रक्चर हजारों थानों में CCTV, नए वाहन, फॉरेंसिक लैब, मोबाइल फॉरेंसिक वैन, नए थाना भवन, अग्निशमन सेवा विस्तार और जेलों में मोबाइल कॉल ब्लॉकिंग सिस्टम लगाए जा रहे हैं। 2025 में 2.99 लाख लंबित मामलों का निपटारा हुआ। 1.05 लाख मामलों में सजा, जिसमें मृत्युदंड, आजीवन कारावास और हजारों मामलों में कठोर सजा शामिल है। रिकॉर्ड 15 दिनों में आजीवन कारावास दिलाकर बिहार ने देश में मिसाल कायम की।


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