‘बज्म-ए-विरासत’ के तीसरा और अंतिम दिन सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ को समर्पित रहा। विभिन्न सत्रों में साहित्य, संगीत और कर्ण चरित्र पर भी चर्चा हुई। निराला सत्र में अवधेश प्रधान, प्रणय कृष्ण और तरुण कुमार ने कवि को याद करते हुए श्रोताओं की उत्सुकता की सराहना की। अवधेश प्रधान ने जागो फिर एक बार, राम की शक्ति पूजा के अंश और निराला के अंतिम दिनों के गीत सुनाकर वाहवाही लूटी। प्रणय कृष्ण ने निराला के जीवन दर्शन, संघर्ष और सरोज स्मृति पर प्रकाश डाला। रविनंदन सिंह के संचालन में तुलसीदास पर उनकी कविता, आजादी के बाद किसानों की दुर्दशा तथा पत्रोत्कंठित जीवन जैसे विषयों पर चर्चा हुई। 3 तस्वीरें देखिए… विशेषज्ञों ने साहित्य के बदलते दौर और कवि दृष्टि पर भी विचार साझा किए। एक्टर्स टेबल में गजराज राव, नीना गुप्ता, विनीत कुमार और मुकेश छाबड़ा ने फिल्म जगत पर बात की। प्रीति ममगाईन के संचालन में गजराज ने कहा मैं खुद को डी नीरो और ओम पुरी जितना अच्छा अभिनेता मानता हूं। नीना गुप्ता ने ओटीटी में बड़े बजट और एलिस्ट सितारों के प्रभाव पर बेबाकी से टिप्पणी की। मुकेश छाबड़ा ने काम-जीवन संतुलन पर जोर दिया। ‘दास्तान-ए-करण’ के बाद एक घंटे विलंब से आरडी बर्मन को समर्पित ग्रैंड फिनाले में ‘द सिंटीलेटिंग सेवेंटीज’ बैंड ने श्रोताओं को झुमाया। सत्र की शुरुआत पक्षी बैंड ने की। इस दौरान तिग्मांशु धूलिया भी मौजूद रहे।
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