राजगीर महोत्सव 2025 के तीसरे दिन हजारों की संख्या में किसान पहुंचे। दरअसल, राजगीर महोत्सव में रविवार को किसानों के लिए खेती से जुड़े औजारों के मेले का उद्घाटन किया गया। इसका आयोजन बिहार कृषि विभाग की ओर से किया गया। इस अवसर पर ग्रामीण विकास एवं परिवहन मंत्री श्रवण कुमार, सांसद कौशलेन्द्र कुमार और विधान परिषद सदस्या रीना कुमारी मौजूद रहे। मेले में नालंदा जिले के साथ-साथ बिहार के अन्य जिलों से हजारों की संख्या में किसान पहुंचे और आधुनिक कृषि तकनीकों की जानकारी हासिल की। जिलाधिकारी कुंदन कुमार, उप विकास आयुक्त श्रीकांत कुंडलिक खांडेकर और जिला कृषि पदाधिकारी डॉ. नितेश कुमार सहित कृषि विभाग के सभी अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित रहे। 91 यंत्रों पर 40 से 80 प्रतिशत अनुदान मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में कुल 91 कृषि यंत्रों पर 40 से 80 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दूरदर्शी सोच और कृषि विभाग के प्रयासों से कृषि यांत्रिकरण को बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे अधिक से अधिक योजनाओं का लाभ उठाएं। सांसद कौशलेन्द्र कुमार ने बदलते पर्यावरण के संदर्भ में कृषि में आवश्यक बदलावों पर जोर देते हुए किसानों से जैविक खेती अपनाने और रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से बचने का आग्रह किया। फसल अवशेष प्रबंधन पर विशेष जोर विधान परिषद सदस्या रीना देवी ने किसानों से रीपर कम बाइंडर यंत्र के उपयोग की अपील करते हुए फसल अवशेष जलाने से होने वाले नुकसान की ओर ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि फसल अवशेष जलाने से न केवल वातावरण प्रदूषित होता है, बल्कि मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी कम होती है और स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ती हैं। मेले में इस बार स्थानीय निर्माताओं द्वारा बनाई गई ट्री शिफ्टर मशीन और ड्रिप कम बाइंडर (4 व्हील) मुख्य आकर्षण रहे। फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित विभिन्न यंत्रों की प्रदर्शनी भी किसानों के बीच चर्चा का विषय बनी रही। ‘हल से हाईटेक तक’ की अनूठी प्रस्तुति जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने ‘खेती का सफर, हल से हाईटेक तक’ शीर्षक से तैयार की गई जीवंत प्रदर्शनी की विशेष जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस प्रदर्शनी में आदिमानव द्वारा कृषि की शुरुआत से लेकर पारंपरिक हल-बैल, हरित क्रांति के उपकरणों और वर्तमान की उन्नत तकनीकों जैसे ड्रोन, स्मार्ट खेती एवं आईटी आधारित कृषि प्रणाली तक की विकास यात्रा को मॉडल और चित्रों के माध्यम से दर्शाया गया है। भविष्य में ड्रोन, एआई और रोबोट आधारित खेती का भी सटीक चित्रण किया गया है, जो युवाओं और किसानों के लिए ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक साबित हो रहा है। 42 स्टॉल और 5 लाइव प्रदर्शनियां जिला कृषि पदाधिकारी डॉ. नीतेश कुमार ने बताया कि मेले में कुल 42 स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें से 15 स्टॉल विभिन्न उन्नत कृषि यंत्रों का प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके अलावा 5 विभिन्न लाइव प्रदर्शनियां भी आयोजित की गई हैं, जिनमें भूमि एवं जल संरक्षण, जैविक खेती, मत्स्य विभाग की प्रदर्शनी, पॉली हाउस, टपक सिंचाई और मल्चिंग प्रदर्शनी शामिल हैं। ड्रोन के माध्यम से तरल कीटनाशी के छिड़काव की जीवंत प्रदर्शनी भी किसानों के बीच काफी लोकप्रिय रही। विभाग इस पर 210 रुपये प्रति एकड़ की दर से अनुदान भी दे रहा है। 25 दिसंबर तक चलेगा मेला डॉ. नीतेश कुमार ने बताया कि कृषि यांत्रिकरण मेला 21-22 दिसंबर तक चलेगा, जबकि कृषि मेला 25 दिसंबर तक जारी रहेगा। 23 और 24 दिसंबर को आत्मा द्वारा किसान मेला आयोजित किया जाएगा। यह आयोजन मुख्यमंत्री के सात निश्चय पार्ट-3 और चतुर्थ कृषि रोडमैप के तहत किसानों की आय दोगुनी करने और ‘हर थाली में बिहारी व्यंजन’ के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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