किसान अपनी मांगों को लेकर आज यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो पॉइंट पर महापंचायत करेंगे। भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में होने वाली इस महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत भी शामिल होंगे। किसानों की प्रमुख मांगों में यमुना एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए अधिग्रहित भूमि का 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा और 10 प्रतिशत आवासीय भूखंड शामिल है। यह मांग गौतम बुद्ध नगर से लेकर अलीगढ़, हाथरस, आगरा और मथुरा तक के सभी प्रभावित किसानों के लिए है। इसके अतिरिक्त, यमुना एक्सप्रेसवे के दोनों ओर सर्विस रोड का तत्काल निर्माण कराने की मांग की गई है। जेवर में बन रहे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से प्रभावित और विस्थापित किसानों के लिए भी मांगें रखी गई हैं। इसमें विस्थापन नीति में संशोधन कर वर्ष 2023 के मानकों के अनुसार भूमि और संपत्ति का उचित मुआवजा प्रदान करना शामिल है। किसानों ने प्रभावित सभी जनपदों में स्थानीय किसानों और उनके परिवारों को प्राथमिकता के आधार पर रोजगार उपलब्ध कराने की भी मांग की है। विशेष रूप से, जेवर एयरपोर्ट से प्रभावित किसानों के बच्चों को एयरपोर्ट में रोजगार सुनिश्चित करने की बात कही गई है। एक अन्य मांग तीनों प्राधिकरणों और गौतम बुद्ध नगर जिले की तहसीलों में स्टाफ की कमी को दूर करने से संबंधित है। किसानों का कहना है कि लेखपाल, कानूनगो, नायब तहसीलदार और इंजीनियर जैसे पदों पर कर्मचारियों की कमी के कारण उनके काम अटके रहते हैं, जिसे तुरंत पूरा किया जाना चाहिए। भूमिहीन किसानों और मजदूरों को कम से कम 120 वर्ग मीटर का भूखंड देने की भी मांग की गई है। यमुना विकास प्राधिकरण में भी किसानों को दिए जाने वाले सबसे छोटे भूखंड का आकार 120 वर्ग मीटर होना चाहिए। बिजली विभाग के यूपीपीसीएल और एनपीसीएल में भ्रष्टाचार और मीटर जांच व बिलों के नाम पर धांधली के आरोप लगाए गए हैं। किसानों ने विजिलेंस टीम के व्यवहार पर भी चिंता व्यक्त की है। किसानों ने जिला प्रशासन और तीनों प्राधिकरणों को चेतावनी दी है कि यदि उनकी समस्याओं का समय रहते समाधान नहीं किया गया, तो आंदोलन और तेज हो सकता है। उन्होंने कहा कि किसी भी अप्रिय स्थिति के लिए जिला प्रशासन और प्राधिकरण जिम्मेदार होंगे।
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