मेरठ नगर निगम क्षेत्र के गांव गोलाबढ़ में कुत्ते के काटने के बाद 55 वर्षीय मजदूर की मौत हो गई। मृतक की पहचान भीम सिंह के रूप में हुई है। परिजनों के अनुसार, गुरुवार रात गांव में एक लावारिस कुत्ते ने भीम सिंह के दाहिने पैर की पिंडली पर काट लिया था। अगले दिन परिजन उन्हें पीएल शर्मा जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां जख्म गहरा होने की बात कहकर एंटी रेबीज वैक्सीन नहीं लगाई गई। चिकित्सकों ने एंटी रेबीज सीरम की जरूरत बताते हुए उन्हें दिल्ली रेफर कर दिया। मरीज को वापस ले आए घर
अस्पताल में मरीज को इलाज न मिलने के बाद परिजन मरीज को घर वापस ले आए और दो दिन तक घर पर ही इलाज चलता रहा। इस दौरान भीम सिंह की हालत लगातार बिगड़ती चली गई। उन्हें पानी से डर लगने लगा और वे पानी पीने में भी असमर्थ हो गए, जो रेबीज के प्रमुख लक्षण माने जाते हैं। रविवार को दिल्ली ले जाने की तैयारी की जा रही थी, लेकिन सुबह करीब दस बजे उनकी मौत हो गई।
इलाज के लिए नहीं किया मना
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अशोक कटारिया ने बताया कि सामान्य काटने पर एंटी रेबीज वैक्सीन और गहरे जख्म की स्थिति में सीरम लगाया जाता है। मामले की जांच कराई जाएगी। वहीं जिला अस्पताल की एंटी रेबीज वैक्सीन प्रभारी डॉ. अनु गुप्ता ने कहा कि अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन और सीरम उपलब्ध है और किसी मरीज को इलाज से मना नहीं किया गया।
लावारिस कुत्तों से दहशत
वार्ड पार्षद मदन पाल ने बताया कि पूरे इलाके में आवारा कुत्तों का आतंक है। आए दिन लोग उनके हमले का शिकार हो रहे हैं, लेकिन नगर निगम की ओर से ठोस कार्रवाई नहीं हो रही। नगर निगम की रिपोर्ट के अनुसार शहर में करीब डेढ़ लाख लावारिस कुत्ते हैं। एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटरों में फिलहाल सीमित क्षमता है, जिससे समस्या लगातार गंभीर होती जा रही है।
हर रोज 153 लोग बन रहे शिकार
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