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रेलवे से लंबी दूरी की ट्रेन यात्रा हुआ मंहगा:6 महीने में दूसरी बार बढ़ा किराया, जानिए आपकी जेब पर किनता पड़ेगा असर

रेलवे ने 215 किलोमीटर से ज्यादा दूरी की ट्रेन यात्रा पर किराया बढ़ा दिया है। अब जो यात्री 215 किमी से ज्यादा का सफर करेंगे, उन्हें टिकट के लिए थोड़ा ज्यादा पैसा देना होगा। नई दरें 26 दिसंबर से लागू होंगी। अनारक्षित श्रेणी में 215 किमी से अधिक यात्रा करने पर यात्रियों को हर किलोमीटर पर 1 पैसा अतिरिक्त देना होगा। वहीं, आरक्षित श्रेणी में एसी और नॉन-एसी दोनों टिकटों पर हर किलोमीटर 2 पैसे ज्यादा चुकाने होंगे। हालांकि, 215 किमी तक की यात्रा करने वाले यात्रियों, उपनगरीय ट्रेनों और मासिक सीजन टिकट (एमएसटी) धारकों के किराये में कोई बदलाव नहीं किया गया है। रेल मंत्रालय के मुताबिक, किराया बढ़ने का असर यात्रियों की जेब पर बहुत कम पड़ेगा। उदाहरण के तौर पर, 500 किमी की नॉन-एसी यात्रा सिर्फ 10 रुपये महंगी होगी। मुंबई, दिल्ली, कोलकाता और चेन्नई जैसे बड़े शहरों में रोज लोकल ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों पर इसका कोई बोझ नहीं पड़ेगा। रेलवे का अनुमान है कि इस मामूली किराया बढ़ोतरी से उसे सालाना करीब 600 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई होगी। रेलवे ने बताया कि इस रकम का इस्तेमाल यात्रियों की सुरक्षा और ट्रेनों के संचालन को और बेहतर बनाने में किया जा रहा है। इससे रेलवे की सुरक्षा और काम करने की क्षमता में सुधार हुआ है। भारतीय रेलवे आज दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मालवाहक रेल व्यवस्था बन चुकी है।
नया किराया सिस्टम इस तरह होगा:
-उपनगरीय ट्रेनें: कोई बढ़ोतरी नहीं
-मासिक सीजन टिकट (एमएसटी): कोई बढ़ोतरी नहीं
-215 किमी तक आरक्षित और अनारक्षित यात्रा: कोई बढ़ोतरी नहीं
-अनारक्षित टिकट (215 किमी से ज्यादा): 1 पैसा प्रति किमी
-मेल/एक्सप्रेस ट्रेन (एसी/नॉन-एसी, 215 किमी से ज्यादा): 2 पैसा प्रति किमी
रेलवे ने साफ किया है कि यह पिछले छह महीनों में दूसरी बार किराया बढ़ाया गया है। इससे पहले 1 जुलाई को नॉन-एसी मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में 1 पैसा प्रति किमी और एसी क्लास में 2 पैसे प्रति किमी की बढ़ोतरी की गई थी। उस समय करीब पांच साल बाद किराया बढ़ाया गया था। इससे पहले साल 2020 में यात्री किराया बदला गया था।
जो टिकट पहले से बुक हो चुके हैं, उन पर इस नई बढ़ोतरी का कोई असर नहीं पड़ेगा।
जानिए किराया क्यों बढ़ाया गया रेलवे के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में रेलवे नेटवर्क और ट्रेनों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। यात्रियों की सुरक्षा और बेहतर संचालन के लिए कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ाई गई है। इससे वेतन, भत्ते और पेंशन का खर्च काफी बढ़ गया है। कर्मचारियों पर खर्च बढ़कर 1.15 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जबकि पेंशन पर खर्च करीब 60 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है।
साल 2024–25 के लिए रेलवे की कुल परिचालन लागत 2.63 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है।


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