मेरठ में आधा दिसंबर होने के बाद से अचानक मौसम में बदलाव के साथ तापमान में गिरावट आ गई है। कड़ाके की ठंड ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। रविवार को मौसम ने पिछले 16 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। 21 दिसंबर को बीते 16 सालों में इतनी ठंड कभी दर्ज नहीं की गई। दिन का अधिकतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया, जो इस सीजन का अब तक का सबसे कम तापमान है।
कोहरे और सर्द हवाओं के डबल अटैक से लोग दिनभर घरों में दुबके रहे। सुबह के समय घना कोहरा छाया रहा और इसके बाद चली सर्द हवाओं ने ठिठुरन और बढ़ा दी। लगातार बढ़ रही सर्दी के चलते मौसम अब कोल्ड डे कंडीशन की ओर बढ़ता नजर आ रहा है।
एक हफ्ते से लगातार गिर रहा तापमान
पिछले छह दिनों से तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। इस सीजन में लगातार तीसरे दिन मौसम बेहद सर्द रहा। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की मौसम वेधशाला के अनुसार रविवार को अधिकतम तापमान सामान्य से काफी नीचे 17.0 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 7.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. यूपी शाही ने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ेगी तथा रातें और अधिक सर्द होंगी।
7 दिनों में 8.4 डिग्री लुढ़का पारा
तापमान में आई गिरावट का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले मात्र 7 दिनों में दिन का तापमान 8.4 डिग्री सेल्सियस तक गिर चुका है। 15 दिसंबर को जहां अधिकतम तापमान 25.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, वहीं रविवार को यह गिरकर 17 डिग्री रह गया।
मेरठ की हवा भी हुई जहरीली
ठंड के साथ-साथ बढ़ते प्रदूषण ने भी लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। रविवार को मेरठ का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 280 दर्ज किया गया, जो खराब श्रेणी में आता है। ठंड, कोहरा और प्रदूषण के इस तिहरे संकट ने खासकर बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों की चिंता बढ़ा दी है।
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