किशनगंज पुलिस डिजिटल पुलिसिंग की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। अनुसंधानकर्ताओं को डिजिटल पुलिसिंग के संबंध में समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अब थानों से विभिन्न विभागों को भेजे जाने वाले पत्राचार भी ऑनलाइन माध्यम से किए जा रहे हैं। जिले के कुल 24 थाने कंप्यूटर से लैस हो चुके हैं। इनमें किशनगंज सदर थाना, ठाकुरगंज थाना, बहादुरगंज थाना, कोचाधामन थाना, साइबर थाना, महिला थाना, पोठिया थाना, दिघलबैंक थाना, गलगलिया, टेढ़ागाछ, क़ुर्लिकोट, फतेहपुर, कोढोबारी, एससी-एसटी और यातायात थाना प्रमुख हैं। इन कंप्यूटरों के संचालन के लिए कार्यपालक सहायक या कंप्यूटर में दक्ष पुलिसकर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। अनुसंधानकर्ताओं को 6 महीने पहले लैपटॉप और एंड्रॉयड फोन भी उपलब्ध कराए गए इसके अतिरिक्त, सभी अनुसंधानकर्ताओं को 6 महीने पहले लैपटॉप और एंड्रॉयड फोन भी उपलब्ध कराए गए हैं। जिले के कई मुख्य थानों के पुलिस अधिकारियों ने लैपटॉप का उपयोग कर कार्य शुरू कर दिया है। इन उपकरणों के प्रभावी उपयोग के लिए पुलिस पदाधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया है। अब पुलिस सामान्य पुलिसिंग के साथ-साथ डिजिटल पुलिसिंग के तहत भी फील्ड में कार्य कर रही है। अनुसंधान के दौरान कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को लैपटॉप में अपलोड किया जाता है। घटना स्थल पर मोबाइल से वीडियोग्राफी की जाती है और अन्य साक्ष्य ई-साक्ष्य ऐप में अपलोड किए जाते हैं। पिछले 10 वर्षों का डाटा कंप्यूटर में अपलोड किया जा चुका सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट के तहत पिछले 10 वर्षों का डाटा कंप्यूटर में अपलोड किया जा चुका है। यह डाटा अपलोड करने की प्रक्रिया दो वर्ष पूर्व शुरू हुई थी। इस व्यवस्था के तहत किसी भी थाने में एफआईआर दर्ज होने के 24 घंटे के भीतर उसकी प्रति संबंधित कंप्यूटर में अपलोड हो जाती है, जिसे ऑनलाइन देखा जा सकता है। ई-साक्ष्य ऐप को भारत सरकार के राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) ने विकसित किया है। यह ऐप आपराधिक घटनाओं के बाद डिजिटल साक्ष्यों को रिकॉर्ड करने और संरक्षित करने की सुविधा प्रदान करता है। इसका मुख्य उद्देश्य दोषियों को अधिक से अधिक सजा दिलाना है, साथ ही साक्ष्यों जैसे फोटो, वीडियो और बयानों के साथ छेड़छाड़ या उनके गायब होने की शिकायतों को कम करना है। किशनगंज पुलिस को और भी सशक्त बनाया जा रहा – एसपी सागर कुमार एसपी सागर कुमार ने कहा कि किशनगंज पुलिस को और भी सशक्त बनाया जा रहा है।आधुनिक पुलिसिंग के तहत किशनगंज पुलिस को सामान्य पुलिसिंग के साथ साथ डिजिटल बनाने का भी प्रयास किया जा रहा जा है।एसपी ने कहा कि डिजिटल पुलिसिंग का उद्देश्य आधुनिक न्याय प्रणाली के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा दोषियों को सजा दिलाना है। लोगों को त्वरित गति से न्याय मिल सकेगा।
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