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मांझी बोले- सांसद-MLA कमीशन लेते हैं:अपने विधायकों से कहा, 10 प्रतिशत नहीं मिलता तो 5% ही तसीलिए; राज्यसभा में एक सीट पर ठोका दावा

मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी इन दिनों अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं। मांझी ने कहा है कि, हर सांसद और विधायक कमीशन लेते हैं। यदि रुपया में 10 पैसा भी मिलता है तो वह भी काफी बड़ी रकम बन जाती है। दावा किया कि उन्होंने पिछले साल मिले कमीशन की राशि में से 40 लाख पार्टी फंड में दे दिए। मांझी ने कहा कि, अगर 10 प्रतिशत कमीशन मिलता है तो 40 लाख रुपया हो जाएगा। हमने खुद कई दफा कमीशन का पैसा पार्टी को दिया है। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि सांसद को 5 करोड़ मिलता है और अगर 10 प्रतिशत कमीशन मिलता है, तो 40 लाख रुपया हो जायेगा। अब अगर ये लोग (पार्टी के नेता) ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो इसमें पार्टी के अध्यक्ष की गलती है। 2026 में भी हमको पैसे की जरूरत नहीं है। हम इस बार भी सांसद फंड का रुपया देंगे तो 80 लाख हो जायेगा। उन्होंने साफ तौर निर्देश देते हुए कहा कि कम से कम कमीशन के रुपया तसीलिए। अगर कोई 10 प्रतिशत नहीं देता है तो 5 प्रतिशत ही लीजिए और 5% पर ही काम कीजिए। मांझी ने कहा कि मेरे कहने का मतलब है कि मेरे पास ताकत है और हम कर सकते हैं सिर्फ मन बनाना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने यह बातें रविवार को गयाजी में आयोजित पार्टी के सम्मान समारोह में कहीं। राज्यसभा में एक सीट नहीं मिली तो अलग हो जाएंगे मांझी ने कहा कि लोकसभा चुनाव में दो सीटों के साथ एक राज्यसभा सीट देने का आश्वासन मिला था, पर एक ही सीट मिली। आज राज्यसभा सीट भी निकल रही है। उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से कहा कि आपको कुछ नहीं मिला। आपको आवाज उठानी चाहिए थी। कैंडिडेट हार रहा था, DM को फोन कर जितवाया हाल ही में जीतन राम मांझी ने गयाजी में खुले मंच से कहा था कि, साल 2020 के विधानसभा चुनाव में एक सीट पर 2700 वोट से हार रहे थे, लेकिन DM से बात करके जीत दिला दिए थे। अपने भाषण में वो तत्कालीन गया DM अभिषेक सिंह का भी जिक्र करते सुने जा रहे हैं। त्रिपुरा कैडर के 2006 बैच के IAS अभिषेक सिंह ने 2023 में नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। जानिए वीडियो में जीतनराम मांझी क्या कहा था 1600 वोट से हार गए, लेकिन पहले बताया ही नहीं जीतनराम मांझी ने मंच से कहा था कि, ‘गलती से वो इस बार हार गए। हमसे अगर कुछ कहते, जैसा 2020 में कहा था कि हम हार रहे हैं, कोई उपाय है। उस समय 2700 वोट से हार रहे थे।’ ‘इसके बाद मैंने कोशिश की और वो जीत गए। 2025 में सिर्फ 1600 वोटों से हार हुई। मेरे से एक बार भी नहीं बोला। उनका क्या दिमाग हुआ। मैदान छोड़कर भाग गए। पता नहीं मेरे से क्यों ने नहीं बात की।’ बताया जा रहा है कि जीतनराम मांझी अपने बयान में टेकारी सीट से पार्टी प्रत्याशी अनिल कुमार की हार के बारे में बातें कर रहे थे। कलेक्टर ने मुझे फोन किया था केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, ‘2020 में गया में अभिषेक सिंह कलेक्टर थे। अभी वो त्रिपुरा में हैं। उन्होंने फोन कर कहा कि, सर 2700 वोटों से पीछे थे, तो जीता दिए। इस बार तो सिर्फ 1600 से ही थे। क्या दिक्कत हो गई। हम भी माथा पीट लिए। अगर हमको कोई जानकारी होता तब ना। चले गए घर। खैर कहने का मतलब यह है कि हम रात-दिन जनता के काम के लिए गयाजी में बैठे हैं।’ अब बिहार में राज्यसभा सीट का गणित समझिए 9 अप्रैल 2026 को बिहार से राज्यसभा की 5 सीटें खाली हो रही हैं। जिन 5 नेताओं का कार्यकाल पूरा हो रहा है, उनमें RJD के प्रेम चंद गुप्ता, एडी सिंह, JDU के हरिवंश नारायण, रामनाथ ठाकुर और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा शामिल हैं। राज्यसभा चुनाव में 1 सीट के लिए इस बार कम से कम 41 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी। दरअसल इसके लिए फॉर्मूला ये है कि जितनी सीटों पर चुनाव होना है, उनमें एक जोड़कर इसे विधानसभा की कुल सीटों से डिवाइड किया जाता है। इस लिहाज से विधानसभा की कुल 243 सीटों को 6 से भाग दिया जाए तो 40.5 आता है यानि कि 41 विधायक। इस नंबर के लिहाज से राजद के लिए अपने एक नेता को भी राज्यसभा भेजना मुश्किल होगा। जदयू के पास 85 विधायक हैं, यानी वो अपनी दो सीटें बचा लेंगी। बीजेपी के पास 89 विधायक हैं, ऐसे में राजद की दो सीटों पर बीजेपी अपने प्रत्याशी को जिताने में सफल रहेगी।


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