ड्रेगन फ्रूट की खेती को लेकर देशभर में किसानों का रुझान लगातार बढ़ रहा है। इसकी सबसे बड़ी चुनौती पौध और बीज की उपलब्धता रही है। अब तक बिहार के किसान ड्रेगन फ्रूट के पौधा के लिए तेलंगाना, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों पर निर्भर थे। कई बार किसानों को हैदराबाद तक जाकर पौधे लाने पड़ते थे, लेकिन अब कैमूर जिले के एक प्रगतिशील किसान ने इस निर्भरता को खत्म कर दिया है। रामगढ़ प्रखंड के जल्दहा गांव निवासी किसान अजय सिंह ने बिहार में ही ड्रेगन फ्रूट की नर्सरी तैयार कर न सिर्फ खुद की खेती को विस्तार दिया, बल्कि आसपास के जिलों और पड़ोसी राज्य के किसानों के लिए भी पौध उपलब्ध कराई है। पांच साल पहले ट्रायल से शुरुआत, अब एक एकड़ में खेती अजय सिंह ने करीब पांच साल पहले प्रायोगिक तौर पर ड्रेगन फ्रूट की खेती शुरू की थी। शुरुआत में उन्होंने केवल 20 पिलर लगाकर इसका ट्रायल किया। इस प्रयोग में उनके छोटे भाई विजय सिंह ने भी सहयोग किया। खेती सफल रही और धीरे-धीरे उन्होंने इसका विस्तार किया। आज अजय सिंह एक एकड़ से अधिक भूमि पर करीब 350 से अधिक पिलर पर ड्रेगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं। इसके साथ ही वे बड़े पैमाने पर ड्रेगन फ्रूट की नर्सरी भी तैयार कर रहे हैं। बिहार से यूपी तक किसानों को मिल रहा पौधा ड्रेगन फ्रूट की खेती को लेकर जब आसपास के किसानों में उत्सुकता बढ़ी और पौध की मांग आने लगी, तो अजय सिंह ने बाहर से पौधे मंगाने की बजाय खुद नर्सरी तैयार करने का निर्णय लिया। आज उनकी नर्सरी से कैमूर, रोहतास, बक्सर जिले के अलावा उत्तर प्रदेश के गाजीपुर समेत कई जिलों के किसान पौध ले जा रहे हैं। अब तक वे करीब 5 हजार से अधिक ड्रेगन फ्रूट की पौध किसानों को उपलब्ध करा चुके हैं। इससे न सिर्फ किसानों का खर्च बच रहा है, बल्कि उन्हें समय पर गुणवत्तापूर्ण पौध भी मिल रही है। लागत ज्यादा, लेकिन मुनाफा लंबे समय तक अजय सिंह बताते हैं कि ड्रेगन फ्रूट की खेती शुरुआती दौर में थोड़ी महंगी जरूर पड़ती है, लेकिन यह एक दीर्घकालिक और बेहद लाभकारी खेती है। एक पिलर लगाने में करीब 1500 रुपए की लागत आती है। एक बार पौधा लगाने के बाद वही पौधा 20 से 25 साल तक फल देता है। प्रत्येक पिलर से एक सीजन में औसतन 10 से 15 किलो ड्रेगन फ्रूट की उपज मिलती है। 15 महीने में शुरू हो जाती है फलन ड्रेगन फ्रूट का पौधा लगाने के करीब 15वें महीने से फल देना शुरू कर देता है। अजय सिंह बताते हैं कि एक पौधे से एक साल में 20 किलो से अधिक फल निकलता है। चार साल पहले जब उनकी फसल बाजार में आने लगी, तो मांग इतनी बढ़ी कि अब फल तैयार होते ही व्यापारी खेत पर पहुंचकर एडवांस बुकिंग कर लेते हैं। 400–500 रुपए किलो बिकता है फल ड्रेगन फ्रूट की बाजार में कीमत सीजन के अनुसार 400 से 500 रुपए प्रति किलो तक मिल जाती है। इसकी मांग शहरी बाजारों के साथ-साथ अब ग्रामीण इलाकों में भी बढ़ रही है, क्योंकि इसे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। साल दर साल घटती है लागत, बढ़ता है मुनाफा अजय सिंह के अनुसार, अगर एक एकड़ में 500 पिलर लगाए जाएं, तो शुरुआती लागत करीब 10 लाख रुपए आती है। वहीं, प्रति वर्ष इससे करीब 15 लाख रुपए तक की फसल तैयार की जा सकती है। सबसे खास बात यह है कि जैसे-जैसे पौधा पुराना होता है, साल दर साल लागत घटती जाती है और मुनाफा बढ़ता जाता है। ऑर्गेनिक खेती से बेहतर स्वाद अजय सिंह रासायनिक उर्वरकों के बजाय ऑर्गेनिक खाद का इस्तेमाल करते हैं। उनका कहना है कि इससे फल का स्वाद बेहतर होता है और बाजार में अच्छी कीमत भी मिलती है। वे मानते हैं कि अगर खेती का तरीका सही हो, तो किसान कम मेहनत में भी अच्छा मुनाफा कमा सकता है। इन प्रगतिशील किसान से और जानें 9304554324 और यह खबर दूसरों से भी शेयर करें। आप भी किसान हैं और कोई अनोखा नवाचार किया है तो पूरी जानकारी, फोटो-वीडियो अपने नाम-पते के साथ हमें 8770590566 पर वॉट्सऐप करें। ध्यान रहे, आपका किया काम किसी भी मीडिया या सोशल मीडिया में जारी न हुआ हो।
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