DniNews.Live

Fast. Fresh. Sharp. Relevant News

चौसा प्लांट बिना FGD सिस्टम के शुरू:बाहरी लोगों को घूस लेकर नौकरी देने का आरोप , आंदोलन की चेतावनी दी

बक्सर में चौसा थर्मल पावर प्लांट (STPL) से प्रभावित किसानों, खेतिहर मजदूरों और स्थानीय ग्रामीणों ने रविवार को बनारपुर पंचायत भवन में एक बैठक की। इस दौरान उन्होंने परियोजना प्रबंधन, जिला प्रशासन और संबंधित एजेंसियों पर गंभीर आरोप लगाए। बैठक ‘प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर मोर्चा’ के बैनर तले आयोजित की गई थी। बैठक में किसान, बेरोजगार युवा और ग्रामीण मौजूद रहे बैठक की अध्यक्षता श्री शिवमुरत राजभर ने की, जबकि मंच संचालन डॉ. विजय नारायण राय ने किया। इसमें भारतीय किसान यूनियन (बिहार-झारखंड) के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश कुमार सिंह, बिहार राज्य दुग्ध उत्पादक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अशोक कुमार और जिला परिषद सदस्य पूजा कुमारी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। बनारपुर पंचायत की मुखिया ममता देवी सहित कई प्रमुख वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे। बड़ी संख्या में किसान, बेरोजगार युवा और ग्रामीण मौजूद थे। सिस्टम के अभाव में क्षेत्र में प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा वक्ताओं ने आरोप लगाया कि चौसा थर्मल पावर प्लांट को बिना फ्लू गैस डीसल्फराइजेशन (FGD) सिस्टम लगाए ही चालू कर दिया गया है। यह सिस्टम सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂) के उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए अनिवार्य है, जिसकी अनुमानित लागत लगभग 400 करोड़ रुपये है। उनके अनुसार, इस सिस्टम के अभाव में क्षेत्र में प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है। इसके अतिरिक्त, मल्टीकार्गो टर्मिनल से कोयले की ढुलाई और हैंडलिंग के कारण उड़ने वाली धूल से पर्यावरण और स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। आबादी वाले इलाकों में बिना अनुमति हो रही कोयले की अनलोडिंग राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा गया कि घनी आबादी वाले इलाकों में बिना आवश्यक अनुमति के मालगाड़ियों से कोयले की अनलोडिंग और डंपरों में लोडिंग की जा रही है। इससे दमा, टीबी और आंखों से जुड़ी बीमारियों के फैलने की आशंका जताई गई। बैठक में जिला प्रशासन, STPL कंपनी और VDAC कमेटी की बैठकों में उठे मुद्दों की विस्तृत जानकारी साझा की गई। वक्ताओं ने NHAI-319A में कथित अनियमितताओं की भी निंदा की। पर्यावरण, स्वास्थ्य, रोजगार और कानून के उल्लंघन से जुड़े गंभीर सवालों पर चर्चा के बाद, किसानों और मजदूरों ने आंदोलन की चेतावनी दी। किसान-मजदूरों ने लगाए गंभीर आरोप रोजगार के मुद्दे पर भी गंभीर सवाल उठाए गए। किसानों और मजदूरों ने आरोप लगाया कि STPL और उसकी सहयोगी कंपनी पावर मेक द्वारा प्रभावित गांवों के स्थानीय लोगों की उपेक्षा कर बाहरी लोगों को कथित रूप से घूस लेकर नौकरी दी जा रही है, जिससे स्थानीय युवाओं में भारी रोष है। इसके साथ ही वक्ताओं ने संविधान और 2013 के भूमि अधिग्रहण अधिनियम के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रभावित ग्रामीणों, मजदूरों और महिलाओं पर फर्जी मुकदमे दर्ज कर उन्हें डराया जा रहा है, जिससे उनकी आजीविका और सामाजिक जीवन पर गहरा संकट खड़ा हो गया है। बैठक के अंत में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इन सभी समस्याओं से नव नियुक्त जिलाधिकारी को अवगत कराते हुए शीघ्र समाधान की मांग की जाएगी। यदि एक माह के भीतर समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो कंपनी के सभी कार्यों को अनिश्चितकालीन और शांतिपूर्ण तरीके से बंद कराने के लिए आंदोलन किया जाएगा।


https://ift.tt/IqFStGu

🔗 Source:

Visit Original Article

📰 Curated by:

DNI News Live

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *