निषाद समाज के अधिकार, सम्मान और स्वाभिमान की लड़ाई को नई दिशा देने के उद्देश्य से आगामी 13 जनवरी को आयोजित होने वाले निषाद पार्टी के बड़े कार्यक्रम की तैयारियां तेज हो गई हैं। इसी क्रम में रविवार को कैबिनेट मंत्री एवं निषाद पार्टी सुप्रीमो डॉ. संजय कुमार निषाद के सरकारी आवास पर दो दिवसीय शिक्षण-प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में प्रदेश के सभी जनपदों से आए कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने सहभागिता की, जिससे संगठन की व्यापकता और मजबूती का स्पष्ट संदेश सामने आया। 13 जनवरी निषाद समाज के संघर्ष का प्रतीक कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए डॉ. संजय निषाद ने कहा कि 13 जनवरी केवल एक तिथि नहीं है, बल्कि यह निषाद समाज के अधिकार, सम्मान और स्वाभिमान की लड़ाई का निर्णायक मोड़ है। उन्होंने कहा कि यदि संगठन मजबूत होगा तो संकल्प ऐतिहासिक बनेगा। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए संगठनात्मक एकजुटता, अनुशासन और सक्रिय जनसंपर्क को उन्होंने सबसे अहम बताया। वैचारिक मजबूती से बनेगा अजेय आंदोलन डॉ. निषाद ने स्पष्ट किया कि यह शिक्षण-प्रशिक्षण शिविर केवल आयोजन की तैयारी भर नहीं है, बल्कि कार्यकर्ताओं को वैचारिक रूप से सशक्त करने और आंदोलन की रणनीति को अंतिम रूप देने का माध्यम है। उन्होंने कहा कि जब विचार मजबूत होते हैं, तभी आंदोलन अजेय बनता है और समाज को उसका हक दिलाने की लड़ाई निर्णायक मुकाम तक पहुंचती है। उन्होंने दो टूक कहा कि कार्यकर्ता ही पार्टी की असली ताकत हैं और कार्यकर्ता रहेंगे, तभी पार्टी रहेगी। उन्होंने समाज के सम्मान और अधिकारों की इस लड़ाई में सहभागी बनने वाले हर व्यक्ति का निषाद पार्टी में स्वागत करने की बात कही। पूरे प्रदेश का मछुआ समाज एक लक्ष्य की ओर शिविर में प्रदेश भर से बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं की मौजूदगी को संगठन की ताकत बताते हुए मंत्री ने कहा कि यह सहभागिता दर्शाती है कि मछुआ समाज पूरे प्रदेश में एक संकल्प और एक लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा है। निषाद पार्टी का यह विस्तार सामाजिक आंदोलन को राजनीतिक मजबूती देने की दिशा में बड़ा कदम है। चुनाव नहीं, अधिकारों की लड़ाई डॉ. संजय निषाद ने कहा कि निषाद पार्टी के लिए आगामी विधानसभा और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव केवल सत्ता का माध्यम नहीं हैं, बल्कि यह समाज के अधिकारों की लड़ाई का अहम पड़ाव हैं। पार्टी पूरी मजबूती, आत्मविश्वास और संगठित रणनीति के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी और हर स्तर पर जनता की आवाज बनेगी। सत्ता अधिकार सुनिश्चित करने का माध्यम अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि सत्ता का उद्देश्य केवल सहभागिता नहीं, बल्कि समाज के अधिकारों को सुनिश्चित करना है। कार्यकर्ताओं से उन्होंने आह्वान किया कि बिना थके और बिना रुके लक्ष्य की ओर बढ़ते रहें। पार्टी का स्पष्ट लक्ष्य है कि सत्ता में मजबूती से भागीदार बनकर संवैधानिक आरक्षण और अधिकारों की लड़ाई को निर्णायक रूप से लड़ा जाए और उसे हासिल किया जाए। संघर्ष से पहचान, पहचान से विश्वास डॉ. निषाद ने कहा कि आज निषाद पार्टी ने उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश और विदेश में भी अपनी अलग पहचान बनाई है। यह पहचान वर्षों के संघर्ष, समर्पण और कार्यकर्ताओं की प्रतिबद्धता का परिणाम है।
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