शिवहर में जिला विधिक सेवा प्राधिकार (DLSA) ने रविवार को तरियानी प्रखंड के माधोपुर छाता पंचायत के वार्ड 13 में एक जागरूकता अभियान चलाया। यह अभियान आगामी स्थायी लोक अदालत सह मध्यस्थता शिविर के संबंध में था। इसका निर्देशन जिला अवर मुख्य न्यायाधीश सह DLSA सचिव ललन कुमार रजक ने किया। अभियान के दौरान, प्राधिकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी गई और लोगों को उनके अधिकारों व कर्तव्यों के प्रति जागरूक किया गया। विशेष रूप से, महिलाओं को कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और परितोष) अधिनियम 2013 के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। इस जागरूकता कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सरकारी कार्य परिवेश में महिलाओं के लिए सुरक्षित, भयमुक्त और सम्मानजनक वातावरण सुनिश्चित करना था। साथ ही, उन्हें उनके कानूनी अधिकारों से अवगत कराना भी इसका एक महत्वपूर्ण लक्ष्य था। अभियान में बताया गया कि लोक अदालत में दोनों पक्षों की आपसी सहमति से सुलह योग्य मामलों का निपटारा किया जाता है। यह प्रक्रिया पूरी तरह नि:शुल्क होती है, जिससे पक्षकारों को कोई खर्च नहीं उठाना पड़ता। लोक अदालत में एक बार सहमति से निपटाए गए मामलों को अंतिम माना जाता है और उनके खिलाफ आगे किसी अदालत में अपील नहीं की जा सकती। लोगों से अपील की गई कि वे 2026 में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक मामले लेकर आएं। दोनों पक्षों की उपस्थिति से मुकदमेबाजी की अनावश्यक परेशानियों से मुक्ति मिल सकती है। इस अवसर पर पैनल अधिवक्ता शंभू कुमार, पारा विधिक स्वयंसेवक (पीएलवी) मेनका कुमारी, ललन राय, विंदेश्वर सह, मंजू देवी, नितेश कुमार, राजीव कुमार, रूबी देवी और संगीता कुमारी सहित कई स्थानीय लोग उपस्थित थे।
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