अपसंस्कृति के खिलाफ जनचेतना, लोककला के संरक्षण और राष्ट्रीय एकता के संदेश को लेकर रंग ग्राम जन सांस्कृतिक मंच, भागलपुर के तत्वावधान में कला केंद्र लाजपत पार्क में आयोजित तीन दिवसीय भागलपुर रंग महोत्सव 2025 पूरे उत्साह और रंगारंग प्रस्तुतियों के साथ जारी है। 20 दिसंबर से शुरू हुआ यह महोत्सव 22 दिसंबर 2025 तक चलेगा। जिसमें देशभर की सांस्कृतिक विविधता एक मंच पर देखने को मिल रही है। महोत्सव में बिहार समेत देश के 9 राज्यों मणिपुर, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, असम और बिहार से आए प्रतिष्ठित नाट्य एवं नृत्य दल अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से दर्शकों को भारतीय लोकसंस्कृति और रंगकर्म की समृद्ध परंपरा से रूबरू करा रहे हैं। दूसरे दिन लोक नृत्य, शास्त्रीय नृत्य, मंजूषा चित्रकला सहित कई विधाओं में सैकड़ों कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। नुक्कड़ नाटक से भाईचारा, सांस्कृतिक एकता का संदेश दिया महोत्सव को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से शहर के प्रमुख चौक-चौराहों आदमपुर चौक, माणिक सरकार चौक, घंटाघर चौक और कोतवाली चौक पर बाहर से आए कलाकारों द्वारा नुक्कड़ नाटकों का मंचन किया गया। नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से सामाजिक कुरीतियों, आपसी भाईचारे और सांस्कृतिक एकता का संदेश दिया गया, जिसे राहगीरों और स्थानीय लोगों ने सराहा। भागलपुर रंग महोत्सव की ये 12वीं प्रस्तुति महोत्सव की जानकारी देते हुए मीडिया प्रभारी धीरज शर्मा एवं सुनील कुमार रंग ने संयुक्त रूप से बताया कि यह भागलपुर रंग महोत्सव की 12वीं प्रस्तुति है। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों से आए कलाकार अपनी पारंपरिक वेशभूषा, नृत्य और नाट्य शैलियों के माध्यम से सामाजिक संदेश दे रहे हैं। इससे लोगों को देश की विविध सांस्कृतिक परंपराओं को जानने और समझने का अवसर मिल रहा है, साथ ही राष्ट्रीय एकता और सद्भाव को भी मजबूती मिल रही है। वहीं, कार्यक्रम निदेशक कपिल देव रंग ने बताया कि महोत्सव का उद्देश्य लोककला को संरक्षित करना, युवाओं को रंगकर्म से जोड़ना और समाज में सकारात्मक सोच को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में भी दर्शकों को विविध और प्रभावशाली प्रस्तुतियां देखने को मिलेंगी।
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