बिजनौर में किसान संगठनों के बीच सियासी टकराव बढ़ गया है। भारतीय किसान यूनियन (प्रधान) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश प्रधान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दूसरे किसान संगठन के नेता दिगंबर सिंह पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। राजेश प्रधान ने आरोप लगाया कि दिगंबर सिंह किसानों की वास्तविक लड़ाई नहीं लड़ते और आंदोलनों का ईमानदारी से संचालन नहीं करते। उन्होंने यह भी कहा कि दिगंबर सिंह अन्य किसान संगठनों को फर्जी बताकर किसानों को भ्रमित करने का प्रयास करते हैं। बिलाई शुगर मिल के गन्ना बकाया भुगतान का जिक्र करते हुए राजेश प्रधान ने कहा कि दिगंबर सिंह ने लखनऊ में किसानों से बजाज कार्यालय का घेराव करने और भुगतान के बिना वापस न लौटने का वादा किया था। हालांकि, न तो घेराव हुआ और न ही किसानों को बकाया भुगतान मिला। राजेश प्रधान ने इसे किसानों के साथ सीधा धोखा बताया। राजेश प्रधान ने नांगल क्षेत्र में वन विभाग की भूमि को लेकर चल रहे आंदोलन पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई गन्ने की बुवाई के समय लड़ी जानी चाहिए थी, लेकिन दिगंबर सिंह गन्ने के भुगतान के समय मैदान में उतरे हैं। राजेश प्रधान ने यह भी आरोप लगाया कि दिगंबर सिंह के रिश्तेदारों ने नांगल क्षेत्र में सड़क किनारे पेड़ कटवाए थे। इस संबंध में थाना नांगल में रिपोर्ट दर्ज की गई थी, लेकिन कथित प्रशासनिक दबाव के कारण मामले को दबा दिया गया। नगीना देहात थाना क्षेत्र में एक जमीन विवाद के दौरान पुलिस-प्रशासन के साथ कथित धक्का-मुक्की का मुद्दा भी राजेश प्रधान ने उठाया। उन्होंने कहा कि ऐसे मामले एक किसान नेता की भूमिका पर सवाल खड़े करते हैं। दूसरी ओर, भारतीय किसान यूनियन (अराजनीतिक) के युवा अध्यक्ष चौधरी दिगंबर सिंह ने सभी आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि आरोपों की जांच होनी चाहिए।
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