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गीता महाकुंभ में पहुंचे यति नरसिंहानंद:बोले-देश में रहने वाले मुसलमानों को पाकिस्तान या बांग्लादेश भेजा जाए

शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर और श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। यह बयान उन्होंने जयपुर के राजा पार्क में आयोजित गीता महाकुंभ के दौरान दिया। इस अवसर पर अन्य संत भी मौजूद रहे। अपने बयान में उन्होंने कहा कि देश में रहने वाले मुसलमानों को 1947 के समझौते की शर्तों के आधार पर पाकिस्तान या बांग्लादेश भेजा जाना चाहिए। राजस्थान के हिंदूवादी गौ सेवक और पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा की अध्यक्षता में गीता महाकुंभ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन अधिवक्ता चंद्रप्रकाश खेतानी ने किया। गीता महाकुंभ के मुख्य संयोजक संयुक्त रूप से राजू बॉक्सर और पंडित विजय कौशिक रहे। गीता महाकुंभ में अनेक संतों ने रखे अपने-अपने विचार कार्यक्रम के दौरान सबसे अधिक चिंता विश्व के विभिन्न हिस्सों में जिहादी मुसलमानों द्वारा निर्दोष हिंदुओं की हत्या को लेकर व्यक्त की गई। सोशल मीडिया पर बांग्लादेश में हो रहे निर्दोष हिंदुओं के कथित नरसंहार की तस्वीरों ने संपूर्ण हिंदू समाज को उद्वेलित कर दिया है। इसके साथ ही अलग-अलग स्थानों पर लव जिहाद के नाम पर हिंदू समाज की बहन-बेटियों की स्थिति को लेकर भी गहरी चिंता जताई गई। यति बोले-धर्म ने हमें भी छोड़ दिया
मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए यति नरसिंहानंद गिरी ने कहा कि योगेश्वर श्रीकृष्ण और उनके द्वारा संपूर्ण मानवता को दिया गया ज्ञान, श्रीमदभगवद्गीता, सनातन धर्म के सबसे प्रचंड प्रकाश-स्तंभ हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि विदेशी मुस्लिम आक्रांताओं के षड्यंत्रों से प्रभावित होकर हमारे अनेक संत-मनीषियों ने योगेश्वर श्रीकृष्ण के चरित्र का हनन करना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि जब हमने अपने धर्म को छोड़ दिया, तो धर्म ने भी हमें छोड़ दिया। इसके परिणामस्वरूप हम अपनी स्वतंत्रता खो बैठे और हर तरह से दीन-हीन तथा मानसिक रूप से दास बन गए। हमारी मानसिक दासता ने हमारा धर्म, हमारा गौरव, हमारा वैभव और हमारा स्वाभिमान हमसे छीन लिया। अब स्थिति यह है कि इस्लाम के जिहादी हमारे अस्तित्व को मिटाने का प्रयास कर रहे हैं। यति नरसिंहानंद गिरी ने कहा कि यदि सनातन धर्मावलंबियों को स्वाभिमान और सम्मान के साथ जीवित रहना है, तो उन्हें योगेश्वर श्रीकृष्ण के स्वरूप को सही ढंग से समझते हुए श्रीमदभगवद्गीता के मार्ग पर लौटना होगा। योगेश्वर श्रीकृष्ण का मार्ग यज्ञ, दान और तप का मार्ग है। यदि हम सभी इस मार्ग को अपने जीवन में उतार लें, तो किसी भी क्षेत्र में हमारी पराजय नहीं होगी। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहा अत्याचार उन्होंने कहा कि आज भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश सहित संपूर्ण विश्व में हिंदुओं की दुर्दशा का मुख्य कारण योगेश्वर श्रीकृष्ण के मार्ग से दूर होना है। यति नरसिंहानंद गिरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की कि पाकिस्तान और बांग्लादेश में तुरंत सेना भेजकर इन दोनों देशों का विभाजन कर हिंदुओं के लिए अलग देश बनाया जाए। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नहीं हुआ, तो पाकिस्तान और बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं को बचाया नहीं जा सकेगा और धीरे-धीरे जिहादी सभी हिंदुओं को समाप्त कर देंगे। 5 बच्चे पैदा करने पर 51 हजार का ऐलान गीता महाकुंभ के मंच से आयोजन समिति के अध्यक्ष और जयपुर के प्रसिद्ध समाजसेवी चंद्रप्रकाश अग्रवाल ‘चंदू भाड़े वाले’ ने संकल्प लिया कि संपूर्ण भारत में जो भी हिंदू युवा पांच या उससे अधिक बच्चे पैदा करेगा, उसे वैश्य समाज द्वारा धर्म रक्षक मानते हुए ‘सनातन गौरव रत्न सम्मान’ से सम्मानित किया जाएगा और 51 हजार रुपये की नकद राशि दी जाएगी। गीता महाकुंभ में पंडित विजय कौशिक ने भारत के सभी सनातन युवाओं से शस्त्र रखने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यदि कोई हिंदू भाई आर्थिक कारणों से शस्त्र नहीं रख पा रहा है, तो वह केवल लाइसेंस ले ले। उसके लिए 12 बोर की दोनाली बंदूक ब्राह्मण और हिंदूवादी समाज के सहयोग से खरीदकर उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं, गीता महाकुंभ में उपस्थित संतों ने संयुक्त रूप से भारत सरकार से श्रीमद्भगवद्गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने की मांग की।


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