गयाजी में दादी और 4 माह की बच्ची की मौत हो गई। ठंड से बचने के लिए कमरे में आग जलाई थी। धुएं के चलते दम घुटने से जान चली गई। बच्ची की मां की भी तबीयत बिगड़ गई है। इलाज के लिए अस्पताल में एडमिट कराया गया है। घटना वजीरगंज थाना क्षेत्र के दखिनगांव की है। मृतका की पहचान रेखा मालाकार(85), आरोही मालाकार(4 माह) के तौर पर हुई है। परिजनों के मुताबिक शनिवार की रात दादी सास रेखा मालाकार, बहू रूपा मालाकार(30) और पोती आरोही एक ही कमरे में सोए थे। ठंड ज्यादा होने के कारण कमरे में एक साथ तीन बोरसी जलाई गई थी। कमरा पूरी तरह बंद था। हवा के निकलने का कोई रास्ता नहीं था। रात भर बोरसी से निकलता धुआं कमरे में भरता रहा। इसी वजह से दम घुटने से जान चली गई। दरवाजा तोड़कर अंदर गए सुबह जब घर के लोग जगाने पहुंचे तो अंदर से कोई आवाज नहीं आई। काफी देर तक दरवाजा खटखटाने के बाद भी जवाब नहीं मिला। इसके बाद दरवाजा तोड़ा। अंदर का दृश्य देख सभी सन्न रह गए। रूपा मालाकार अचेत पड़ी थी। रेखा मालाकार और मासूम आरोही की मौत हो चुकी थी। तुरंत रूपा को पास के अस्पताल ले जाया गया। उसका इलाज चल रहा है। पोस्टमार्टम कराने से इनकार घटना के बाद गांव में मातम पसरा है। हर कोई इस हादसे से स्तब्ध है। परिवार के सदस्यों ने हादसा मानकर शव को पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया है। लोगों का कहना है कि एक बार फिर बोरसी के इस्तेमाल को लेकर लापरवाही और जागरूकता की कमी को उजागर किया है। बंद कमरे में बोरसी जलाना कितना खतरनाक हो सकता है।
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